नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) की यूनिट के इजराइल और हमास के बीच युद्ध में फिलिस्तीन का समर्थन करने के बाद अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) दिल्ली की आइसा इकाई ने भी फिलस्तीन का समर्थन किया है. आइसा के राष्ट्रीय महासचिव प्रसनजीत कुमार ने बताया कि फलस्तीन पर हमारा स्टैंड काफी पुराना है.
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वर्षों से इजराइल अमेरिका के समर्थन से फिलस्तीन को दबाता रहा है और उस पर कब्ज़ा करने की कोशिश करता रहा है. इजरायल ने फिलस्तीन की जमीन पर भी कब्जा कर लिया है. यह फिलस्तीन के लोगों के साथ अत्याचार है. हम शुरू से ही मांग कर रहे हैं कि इस मसले का शांतिपूर्ण हल निकाला जाना चाहिए और इजराइल की मनमानी रोकी जानी चाहिए.
फलस्तीन के समर्थन में उतरे जेएनयू और जामिया के छात्र संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) को मामले में दखल देना चाहिए और इजराइल दोनों की बीच शांति दोस्त काम हो इसका कोई प्रयास करना चाहिए. प्रसनजीत कुमार ने बताया कि फिलस्तीन के समर्थन में हमने एक पोस्टर भी जारी किया है. जिसके माध्यम से हम फिलिस्तीन का समर्थन करते हैं. पोस्टर में लिखा है कि फलस्तीन को नदी से लेकर समुद्र तक आजाद करो. निर्दोष फलस्तीनियों की हत्या रोकी जाए.
इसके अलावा जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने भी फिलस्तीन का समर्थन किया है. इसके साथ ही जामिया की एनएसयूआई यूनिट ने भी फलस्तीन का समर्थन किया है. इन छात्र नेताओं ने फलस्तीन के समर्थन में ट्वीट भी किया है.
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