नई दिल्ली:चीन के हांगझोउ में जारी एशियाई खेलों में भारत का शानदार प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. हांगझोउ में जारी एशियाई खेलों में भारत ने अब तक कुल 27 मेडल अपने नाम कर लिए हैं, जिनमें 7 गोल्ड, 9 सिल्वर और 11 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. एशियन गेम्स में महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल टीम में सिल्वर मेडल दिलाने वाली मेहुली घोष और 25 मीटर रैपिड फायर मुकाबले में ब्रॉन्ज मेडल लाने वाले विजयवीर सिंह सिद्धु से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.
कभी राइफल खरीदने के नहीं थे पैसे, देश के लिए जीता सिल्वर मेडल
पश्चिम बंगाल के हुगली के एक छोटे से कस्बे की रहने वाली मेहुली घोष ने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया है. उन्होंने साबित कर दिया है कि जो व्यक्ति अपने जीवन में मेहनत करता है, उसे एक न एक दिन सफलता जरूर मिलती है. मेहुली बताती हैं कि एक समय ऐसा था जब उनके पास राइफल नहीं थी. उसे खरीदने के लिए परिवार के पास पैसे भी नहीं थे. लेकिन माता-पिता ने उनका साथ दिया और दोस्तों की मदद से उन्होंने राइफल खरीदी. मेहुली ने जी तोड़ मेहनत की जिसके बाद आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है.
मेहुली का कहना है कि अगर व्यक्ति अपने जीवन में ठान ले तो कोई भी काम बड़ा नहीं होता. लेकिन मेहनत और लगन बड़ी होनी चाहिए. असफलता के बाद हार नहीं माननी चाहिए. क्योंकि असफलता के बाद ही सफलता मिलती है. बता दें कि उन्होंने साल 2018 में भी देश के लिए मेडल जीता था. और अब एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीत कर पूरे एशिया में अपना नाम रोशन किया है.
असफलताओं से सीखा सबक, कभी हार नहीं मानी