नई दिल्ली:आईएसआईएस आतंकी मोहम्मद उर्फ शैफी उज्जमा, मोहम्मद अरशद वारसी और मोहम्मद रिजवान अशरफ भारत में आतंकियों के लिए एक ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहते थे. इसके लिए इन आतंकियों ने गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और झारखंड समेत कई राज्यों की रेकी की थी. इनसे बरामद दस्तावेजों और गूगल से ली गई फोटो से यह खुलासा हुआ है. यह खुलासा दिल्ली पुलिस ने किया है.
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के विशेष पुलिस आयुक्त एचसीएस धालीवाल ने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया है कि वे लंबे समय से इसकी तैयारी कर रहे थे. शहनवाज को इससे पहले 17-18 जुलाई की देर रात पुणे पुलिस ने एक मोटरसाइकिल की चोरी करते हुए पकड़ा था, लेकिन वह हिरासत से फरार हो गया था. शहनवाज एनआईए की मोस्ट वॉन्टेड सूची में था. उसे स्पेशल सेल ने जैतपुर इलाके से गिरफ्तार किया है.
बम ब्लास्ट की रच रहे थे साजिशःस्पेशल सेल के विशेष आयुक्त एचजीएस धालीवाल ने बताया कि कई माह से स्पेशल सेल इस माड्यूल की तलाश में थी. इंटरनेट के अलग-अलग एप के जरिए बातचीत कर ये आपस में जानकारी जुटाते थे कि किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल बम बनाने किया जाए ताकि उससे अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाया जा सके. इनकी साजिश ऐसी जगहों पर ब्लास्ट करने की थी, जहां बड़ी संख्या में लोगों का जमावड़ा हो.
ऑनलाइन भर्ती के जरिए आईएसआईएस में शामिल हुए थे तीनोंःउन्होंने बताया कि त्योहार से पहले देश में बड़े आतंकी हमले की साजिश रच रहे थे. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर लश्कर ने इनकी आईएसआईएस के लिए काम करने की बात कहकर ऑनलाइन भर्ती की थी. पाकिस्तान में बैठे लश्कर के हैंडलर परातुल्ला गौरी व साहिद फैसल ने इनकी आनलाइन भर्ती की थी ताकि आतंकी हमले पर जांच में पाकिस्तान के लश्कर की बजाय आईएसआईएस का नाम सामने आए. तीनों 2018 में जामिया नगर के बाटला हाउस में एक साथ रहे थे.
तीनों आतंकियों ने की है इंजीनियरिंग की पढ़ाईःमूल रूप से झारखंड के हजारीबाग का रहने वाला शहनवाज एक खनन इंजीनियर है. उसने प्रतिष्ठित विश्वैसरैया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया है. इस कोर्स में विस्फोटकों के बारे में विस्तृत अध्ययन कराया जाता है. इसके अलावा उसने अलग से भी विस्फोटकों के बारे में काफी पढ़ाई करके विशेषज्ञता हासिल की है. 12 सितंबर को एनआईए ने पुणे आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया) मॉड्यूल मामले में वांछित शहनवाज सहित चार संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें जारी की थीं. इन पर तीन लाख रुपये का इनाम भी रखा था.