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South Asian University ने चार फैकल्टी के प्रोफेसरों को किया निलंबित, जेएनयू शिक्षक संघ ने जताया विरोध - University suspends four faculty professors

राजधानी में साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने अपने चार फैकल्टी के प्रोफेसरों को निलंबित किया है, जिसका जेएनयू शिक्षक संघ ने विरोध किया है. संघ ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि इस निलंबन को तुरंत रद्द किया जाए.

Jawaharlal Nehru University Teachers Association
Jawaharlal Nehru University Teachers Association

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Published : Jun 21, 2023, 7:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मैदान गढ़ी स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने अपने चार फैकल्टी के चार प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया है. इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है, जिसकी जानकारी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के द्वारा एक नोट में दी गई है. विश्वविद्यालय ने इनपर छात्रों को उकसाने का आरोप लगाया है. इससे पहले छात्रों ने मास्टर और पीएचडी के लिए मासिक फीस में वृद्धि को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. निलंबित किए गए चार प्रोफेसर स्नेहाशीष भट्टाचार्य (अर्थशास्त्र संकाय), श्रीनिवास बुर्रा (कानूनी अध्ययन संकाय), इरफानुल्लाह फारूकी और रवि कुमार (सामाजिक विज्ञान संकाय) हैं.

जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) ने इस निलंबन पर कड़ा विरोध जताया है. संघ ने अपने नोटिस में कहा है कि दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय, प्रशासन द्वारा चार फैकल्टी के प्रोफेसरों के मनमाने ढंग से निलंबन किए जाने की कड़ी निंदा करता है. संघ साउथ एशियन यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए इस निलंबन को शिक्षण समुदाय के बीच डराने और भय फैलाने के प्रयास के रूप में देखता है. संघ ने यह भी कहा कि 16 जून को साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने चार फैकल्टी के प्रोफेसरों के निलंबन का नोटिस जारी किया था. इसके बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी द्वारा चार फैकल्टी के प्रोफेसरों को 19 मई की बैठक में बैठे सौ से अधिक सवालों के हस्तलिखित उत्तर देने के लिए कहा गया था. यह जवाब उन्हें कमेटी के सदस्यों के सामने देने थे. हालांकि प्रोफेसरों ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और फैक्ट फाइडिंग कमेटी (एफएफसी) और साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (एसएयू) प्रशासन को पत्र लिखा, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.

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संघ ने आगे कहा कि ऐसी कई समाचार रिपोर्ट हैं कि विश्वविद्यालय ने उन छात्रों को निलंबित किया, जिन्होंने फीस वृद्धि को लेकर प्रदर्शन किया था. विश्वविद्यालय द्वारा निलंबित किए जाने की नोटिस ने छात्रों को मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यधिक तनाव में डाल दिया. चार संकाय के प्रोफेसरों को दिया गया निलंबन का आदे, विश्वविद्यालय प्रशासन की मनमानी और सत्तावादी कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाने वाले संकाय और छात्रों को डराने और चुप कराने का एक प्रयास है. जेएनयूटीए सत्ता के सामने सच बोलने के अपने अधिकारों की रक्षा में प्रोफेसरों और छात्रों के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है. संघ मांग करता है कि प्रोफेसरों और छात्रों के निलंबन का आदेश तुरंत रद्द किया जाए और विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द एक स्वीकार्य समाधान की मांगों पर चर्चा करने के लिए बातचीत शुरू करे.

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