नई दिल्ली:बारह साल की बच्ची के अपहरण, देह व्यापार और मानव तस्करी के मामले में सोनू पंजाबन को दिल्ली के एक कोर्ट ने 24 साल की सजा सुनाई है. बुधवार को सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि ऐसे क्रूर और डरावना काम करने वालों को सभ्य समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है.
दोनों सजाएं अलग-अलग मिलेगी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन को अनैतिक तस्करी (निषेध) कानून के तहत 14 साल और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में 10 साल की सजा सुनाई. इनमें नाबालिग बच्ची को वेश्यावृत्ति के लिए खरीदने, बेचने और आपराधिक षड्यंत्र रचने का अपराध शामिल है. अदालत ने कहा कि दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी.
इन धाराओं में दर्ज मामला
अदालत ने कहा, दोषी गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन पहले अनैतिक तस्करी (निषेध) कानून के तहत 14 साल सश्रम कारावास की सजा काटेगी. उसके बाद वह भादंसं की धारा 366ए (नाबालिग बच्ची को खरीदना), 372 (नाबालिग बच्ची को वेश्यावृत्ति के लिए बेचना), 373 (नाबालिग बच्ची को वेश्यावृत्ति के लिए खरीदना), 328 (जहर देकर नुकसान पहुंचाना), 342 (बंधक बनाकर रखना) 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) के लिए 10 साल सश्रम कारावास की सजा काटेगी. साथ ही अदालत ने कहा कि इस तरह दोषी कुल 24 साल के लिए जेल में रहेगी.