नई दिल्ली: मंगलवार को सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. यह आंशिक सूर्य ग्रहण है जो भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा. चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो सूर्य ग्रहण लगता है. इस अवस्था में चंद्रमा सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है. यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण है. सूर्य ग्रहण में सूतक काल का विशेष महत्व होता है. मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण पर किसी भी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित हैं.
पंडित जयप्रकाश शास्त्री बताते हैं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राहु-केतु जब सूर्य का ग्रहण करने वाले होते हैं तब सूर्य ग्रहण लगता है. सूर्य ग्रहण की यह कथा समुद्र मंथन से निकले अमृत के वितरण से जुड़ी हुई है. यह सूर्य ग्रहण देश के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. दृक पंचांग के अनुसार कार्तिक अमावस्या तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर, शाम 05:27 बजे और समापन 25 अक्टूबर, शाम 4:18 बजे होगा. सूतक काल का प्रारंभ 25 अक्टूबर सुबह 3:17 बजे से और समापन शाम 05:42 बजे होगा.
दिल्ली में सूर्य ग्रहण का समय
दिल्ली में आज सूर्य ग्रहण का प्रारंभ शाम 4 बजकर 28 मिनट से होगा और समापन शाम 5 बजकर 30 मिनट पर होगा. स्थान के आधार पर इसके प्रारंभ और समापन के समय में थोड़ा बहुत परिवर्तन संभव है.
क्या होता है सूतक काल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे या 9 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है. सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण समय से 12 घंटे पूर्व प्रारंभ हो जाता है, जबकि चंद्र ग्रहण में सूतक काल 9 घंटे पूर्व प्रारंभ होता है. सूतक काल को एक प्रकार से अशुभ समय मानते हैं, इसमें कोई भी मांगलिक शुभ कार्य नहीं करते हैं. ग्रहण के समापन के कुछ समय बाद सूतक काल का अंत होता है. जिस स्थान पर सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां पर सूतक काल मान्य होता है.