नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शनिवार को तिमारपुर विधानसभा में मोहल्ला क्लीनिक के उद्घाटन के लिए मौजूद थे. यहां मंच पर उनके साथ उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके दिलीप पांडेय और स्थानीय विधायक पंकज पुष्कर की भी मौजूदगी रही.
केजरीवाल की मौजूदगी में 2 नेताओं के लिए नारेबाजी क्षेत्र में चर्चा है कि तिमारपुर से आगामी विधानसभा चुनाव में दिलीप पांडेय पर पार्टी दाव लगा सकती है और ऐसे में पंकज पुष्कर भी अपनी मजबूती दिखाने में जुटे हुए हैं. शायद यह कारण भी था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में दोनों नेताओं के समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी थी.
दिलीप पांडेय जिंदाबाद के लगे नारे
अरविंद केजरीवाल जैसे ही मंच पर पहुंचे और बैठे ही थे कि दिलीप पांडेय के कटआउट लिए समर्थकों ने दिलीप पांडेय जिंदाबाद की नारेबाजी शुरू कर दी. इसी बीच पंकज पुष्कर जिंदाबाद का से सुर ने भी जोर पकड़ा और दोनों नेताओं के समर्थन में नारेबाजी काफी देर तक होती रही. अंत में एक सज्जन खड़े हुए और उन्होंने अरविंद केजरीवाल जिंदाबाद का नारा लगाया.
लेकिन इतने से मामला सुलझने वाला नहीं था. मंच पर जो दिखा वो भी सामान्य से कुछ अलग था. अरविंद केजरीवाल के ठीक बगल में दिलीप पांडेय बैठे थे और कई बार दोनों नेताओं के बीच कुछ बातचीत हुई. वहीं, स्थानीय विधायक पंकज पुष्कर स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के बगल में चुपचाप बैठे रहे. पंकज पुष्कर के चेहरे की उदासी भी साफ तौर पर देखी जा सकती थी.
अरविंद केजरीवाल जब कुर्सी से उठकर भाषण देने के लिए आगे बढ़े, तो दिलीप पांडेय उनके पीछे पीछे आए और बगल में आकर खड़े हो गए. उसके बाद पंकज पुष्कर भी आए और अरविंद केजरीवाल के पीछे खड़े रहे.
'पार्टी में भ्रष्टाचार की जगह नहीं'
क्या इस नारेबाजी और इन संकेतों का मतलब आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर टिकट से हैं, ईटीवी भारत के इस सवाल के जवाब में पंकज पुष्कर ने स्पष्ट तो कुछ नहीं कहा, लेकिन इतना जरूर कहा कि दिलीप पांडेय और पंकज पुष्कर के बीच यह लड़ाई नहीं है. कुछ माफिया हैं, जो किसी भी तरह से यहां से पंकज पुष्कर को हटाना चाहते हैं.
हालांकि टिकट के सवाल पर पंकज पुष्कर ने साफ तौर पर कहा कि तीन दिन पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनके जीते जी पार्टी में भ्रष्टाचार को जगह नहीं मिलेगी, पंकज पुष्कर माफियागर्दी से लड़ रहा है और जब यह खबर अरविंद केजरीवाल तक जाएगी, तब वे तय करेंगे कि उनको माफिया को बचाना है या पंकज पुष्कर को बचाना है.