नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने फ्यूचर-रिलायंस सौदे के खिलाफ पारित इमरजेंसी अवार्ड को बरकरार रखने वाले सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दिया है. फ्यूचर ग्रुप की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले पर रोक लगा दिया है.
सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद आदेश पारित किया गया
सुनवाई के दौरान फ्यूचर ग्रुप की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि फ्यूचर ग्रुप ने जो भी आपत्तियां जताई थीं, उसे दरकिनार करते हुए उनके खिलाफ 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. फ्यूचर ग्रुप को विभिन्न अथॉरिटीज की ओर से पारित आदेश का वापस लेने के लिए उन अथॉरिटीज के पास जाने के लिए कहा गया. यह आदेश तब है जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कह चुका है कि आगे कोई आदेश पारित नहीं किया जाए.
अमेजन ने सुप्रीम कोर्ट को फैसले की जानकारी देने की बात कही
अमेजन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने कहा कि सिंगल बेंच के फैसले को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखेंगे और उचित दिशा निर्देश जारी करने की मांग करेंगे. यही कानून के मुताबिक सही कदम होगा. तब साल्वे ने कहा कि अमेजन जहां चाहे केस दायर कर सकता है. वे चाहें तो सुप्रीम कोर्ट या इंटनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस भी जा सकते हैं. लेकिन मामला चूंकि सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए सिंगल बेंच को इस मामले पर आदेश जारी नहीं करना चाहिए था. तब सुब्रमण्यम ने कहा कि सिंगल बेंच के फैसले सुप्रीम कोर्ट ही विचार कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतरिम था.
किशोर बियानी को जेल भेजने की चेतावनी दी थी
पिछले 18 मार्च को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने फ्यूचर-रिलायंस सौदे के खिलाफ पारित इमरजेंसी अवार्ड को बरकरार रखते हुए फ्यूचर ग्रुप पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. जस्टिस जेआर मिडा की बेंच ने जुर्माने की ये रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करने का आदेश दिया है. सिंगल बेंच ने कहा था कि फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर कूपन, किशोर बियानी और अन्य लोगों ने इमरजेंसी अवार्ड का उल्लंघन किया.