नई दिल्ली/गाजियाबाद: एक वर्ष में सूर्य 12 राशियों पर भ्रमण करते हैं. एक राशि पर एक महीने उनका संक्रांति काल होता है. द्वितीय श्रावण शुक्ला प्रतिपदा अर्थात श्रावण के शुद्ध पक्ष में पहले दिन 17 अगस्त को सूर्य सिंह राशि में आ रहे हैं. इस दिन सूर्य सिंह राशि में दोपहर बाद 13:32 बजे आएंगे और इस दिन चंद्रमा भी मघा नक्षत्र में होंगे और सूर्य भी. चूंकि यह दिन अमावस्या के तुरंत बाद का है, इसलिए इस दिन सूर्य चंद्रमा एक ही नक्षत्र व राशि होते हैं. जिससे सूर्य का प्रभाव बढ़ जाता है और चंद्रमा का असर कम हो जाता है.
ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा के मुताबिक सूर्य 17 अगस्त से 17 सितंबर तक सिंह राशि में रहेंगे. उसके पश्चात कन्या के सक्रांति में आएंगे. प्राचीन कहावत है कि सिंह के सूर्य में हिरण भी काले हो जाते हैं अर्थात सूर्य की तपिश बढ़ जाती है और तपिश बड़ी तीव्र होती है. जिसे हम उमस बोलते हैं. मौसम विज्ञान के अनुसार जब उच्चतम तापमान और न्यूनतम तापमान में अंतर कम होता है तब सूर्य की गर्मी उमस में बदल जाती है और व्यक्ति घाम, घमौरी त्वचा की समस्या आदि से भी पीड़ित हो सकता है.
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जब सूर्य अप्रैल महीने में अपनी उच्च राशि अर्थात मेष के सक्रांति में आते हैं तो गर्मी की प्रचंडता का स्तर काफी होता है. किंतु इस दौरान उतनी भयंकर गर्मी नहीं होती क्योंकि उस समय उच्चतम और न्यूनतम तापमान में काफी अंतर होता है. किंतु इस माह में सूर्य अपनी ही सिंह राशि में उमस भरी गर्मी को बढ़ावा देते हैं. एक महीने बाद कन्या की संक्रांति में सूर्य की तपिश कम हो जाती है और धीरे-धीरे शरद ऋतु का आगमन होने लगता है व मौसम में परिवर्तन आना शुरू हो जाता है.