नई दिल्ली :श्रद्धा हत्याकांड मामले के आरोपी आफताब के नार्को टेस्ट की प्रक्रिया गुरुवार को पूरी हो गई और दिल्ली पुलिस उसे तिहाड़ जेल लेकर चली गई है. इससे पहले सुबह करीब साढ़े आठ बजे के थर्ड बटालियन पुलिस आफताब को रोहिणी अम्बेडकर हॉस्पिटल लेकर पहुंची थी. जहां दो घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में उसका नार्को टेस्ट किया गया. इसके बाद उसे दो घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा गया.
सूत्रों की मानें तो करीब दो घंटे के आसपास चले नार्को टेस्ट के दौरान FSL की टीम ने आफताब से कट-टु-कट सवाल पूछे, जिसका जवाब आफताब ने खुलकर दिया. ऐसा कहा जा रहा है कि आफताब ने कई सवालों के जवाब अंग्रेजी में दिए. हालांकि, कुछ सवालों के जवाब देने में आफताब ने थोड़ा समय लिया. टेस्ट के दौरान आफताब कई सवालों पर चुप रहा, लेकिन टीम ने उससे सवाल को दोहराया और जवाब देने को कहा, जिसके बाद आफताब ने जवाब दिया.
आफताब के नार्को टेस्ट के दौरान एनेस्थीसिया एक्सपर्ट, FSL के एक साइक्लोजिकल एक्सपर्ट, एक OT अटेंडेंट, और FSL के 2 फोटो एक्सपर्ट्स मौजूद रहे. इससे पहले, पांच बार रोहिणी के एफएसएल ऑफिस में आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जा चुका है.
नार्को टेस्ट श्रद्धा हत्याकांड में खुलासे के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. नार्को टेस्ट के लिए कई तरीके की दवाई और इंजेक्शन दिए जाते हैं, जिसमें आरोपी को किसी तरीके की दिक्कत न हो. इसलिए हॉस्पिटल के अंदर ही उसको दो घंटे ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद वापस सुरक्षा के बीच तिहाड़ जेल ले जाया जाएगा. कुछ समय बाद यह साफ हो पाएगा कि नार्को टेस्ट में जो सवाल पूछे गए थे, वह क्या थे और उसने किस तरीके से जवाब दिए हैं.
अंबेडकर अस्पताल से बाहर आता आरोपी आफताब. क्या होता है नार्कों टेस्टः नार्को टेस्ट एक तरह का एनिस्थीसिया देने के बाद होता है, जिसमें आरोपी न पूरी तरह होश में होता है और न ही बेहोश होता है. इस टेस्ट का प्रयोग तभी किया जा सकता है जब उस आरोपी को इस बारे में पता हो और उसने इसके लिए हामी भरी हो. यह टेस्ट तभी करवाया जाता है जब आरोपी सच्चाई नहीं बता रहा हो या बताने में असमर्थ हो. इसकी मदद से आरोपी के मन से सच्चाई निकलवाने का काम किया जाता है. यह भी हो सकता है कि व्यक्ति नार्को टेस्ट के दौरान भी सच न बोले. इस टेस्ट में व्यक्ति को ट्रुथ सीरम इंजेक्शन (Truth serum Injection) दिया जाता है. वैज्ञानिक तौर पर इस टेस्ट के लिए सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम अमाइटल जैसी दवाएं दी जाती हैं.
आफताब के नार्को टेस्ट की प्रक्रिया पूरी कैसे होता है नार्को टेस्टःनार्को टेस्ट जांच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर और फोरेंसिक एक्सपर्ट की उपस्थिति में किया जाता है. इस दौरान जांच अधिकारी आरोपी से सवाल पूछता है और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है. नार्को टेस्ट एक परीक्षण प्रक्रिया होती है, जिसमें शख्स को ट्रुथ ड्रग नाम से आने वाली एक साइकोएक्टिव दवा दी जाती है. खून में दवा पहुंचते ही आरोपी अर्धबेहोशी की अवस्था में पहुंच जाता है.
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