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श्रद्धा हत्याकांड के आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट आज, अंबेडकर अस्पताल में लाने की संभावना - Crime incident in Delhi

दिल्ली पुलिस आज श्रद्धा हत्याकांड मामले के आरोपी (Aftab Narco test) आफताब को अंबेडकर अस्पताल में लेकर आ सकती है. यहां अस्पताल में आफताब का नार्को टेस्ट कराया जाना है.

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Published : Nov 21, 2022, 10:31 AM IST

Updated : Nov 21, 2022, 1:02 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस आज श्रद्धा हत्याकांड मामले के आरोपी आफताब को अंबेडकर अस्पताल में लेकर आ सकती है. यहां अस्पताल में आफताब का नार्को टेस्ट किया जाना है. अस्पताल स्टाफ और लोकल पुलिस को अलर्ट किया गया है. अस्पताल लाने के दौरान बहुत सारे लोगों द्वारा आफताब पर हमला करने की पुलिस द्वारा आशंका जताई गई थी.

राजधानी दिल्ली के श्रद्धा हत्याकांड ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. श्रद्धा मामले में पुलिस ने आरोपी आफताब को गिरफ्तार कर लिया है और उससे लगातार पुलिस की पूछताछ जारी है. अब आरोपी आफताब का नार्को टेस्ट कराया जाएगा. यह (Aftab Narco test) नार्को टेस्ट रोहिणी स्थित अंबेडकर अस्पताल में किया जाएगा. जहां संभावना जताई जा रही है कि आज आफताब को अंबेडकर अस्पताल में नार्को टेस्ट के लिए लाया जा सकता है, जिसको देखते हुए हॉस्पिटल स्टाफ और लोकल पुलिस दोनों को ही अलर्ट पर रख दिया गया है. इस मामले को लेकर कई हिंदू संगठन भी आक्रोशित हैं और गुस्साए लोग मौका मिलने पर आफताब पर हमला भी कर सकते हैं. जिसको देखते हुए कड़ी सुरक्षा के बीच आफताब को नार्को टेस्ट के लिए अंबेडकर अस्पताल में लाया जाएगा.

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उम्मीद जताई जा रही है कि आज ही उसका नारकोटिक्स भी कराया जा सकता है, जिसमें कई अहम मुद्दों के खुलने की आशंका है. श्रद्धा से मुलाकात से लेकर हत्या तक से जुड़े कई सवाल नार्को टेस्ट के दौरान आफताब से किए जाएंगे. फिलहाल अंबेडकर अस्पताल में स्टाफ और लोकल पुलिस को अलर्ट कर दिया गया कि आफ़ताब को कभी भुलाया जा सकता है जिसको देखते हुए आसपास और अस्पताल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था को भी चाक-चौबंद किया गया है.

क्या है नार्को टेस्ट

नार्को टेस्ट एक तरह का एनेस्थीसिया होता है, जिसमें आरोपी न पूरी तरह होश में होता है और ना ही बेहोश होता है. नार्को टेस्ट का प्रयोग तभी किया जा सकता है जब उस आरोपी को इस बारे में पता हो और उसने इसके लिए हामी भरी हो. यह टेस्ट तभी करवाया जाता है जब आरोपी सच्चाई नहीं बता रहा हो या बताने में असमर्थ हो. इस टेस्ट की मदद से आरोपी के मन से सच्चाई निकलवाने का काम किया जाता है. अधिकतर आपराधिक मामलों में ही नार्को टेस्ट किया जाता है. यह भी हो सकता है कि व्यक्ति नार्को टेस्ट के दौरान भी सच न बोले. इस टेस्ट में व्यक्ति को ट्रुथ सीरम इंजेक्शन दिया जाता है. वैज्ञानिक तौर पर इस टेस्ट के लिए सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम अमाइटल जैसी दवाएं दी जाती हैं. इस दौरान मॉलिक्यूलर लेवल पर किसी शख्स के नर्वस सिस्टम में दखल देकर उसकी हिचक कम की जाती है. जिससे व्यक्ति स्वाभविक रूप से सच बोलने लगता है.

कैसे होता है नार्को टेस्ट

नार्को टेस्ट जाँच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, डॉक्टर और फोरेंसिक एक्सपर्ट की उपस्थिति में किया जाता है. इस दौरान जांच अधिकारी आरोपी से सवाल पूछता है और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है. नार्को टेस्ट एक परीक्षण प्रक्रिया होती है, जिसमें शख्स को ट्रुथ ड्रग नाम से आने वाली एक साइकोएक्टिव दवा दी जाती है. खून में दवा पहुंचते ही आरोपी अर्धबेहोशी की अवस्था में पहुंच जाता है. हालांकि कई मामलों में सोडियम पेंटोथोल का इंजेक्शन भी दिया जाता है.

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Last Updated : Nov 21, 2022, 1:02 PM IST

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