नई दिल्ली: दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार की तरफ से शुरू किए गए दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम को बंद कराने के मामले में डायरेक्टोरेट ऑफ ट्रेनिंग एंड टेक्निकल एजुकेशन (टीटीई) की सचिव आर. एलिस वाज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सिसोदिया के उनसे 24 घंटे में जवाब मांगा गया है. सचिव पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के द्वारा शुरू किए गए योगशाला को जबरन बंद कराया है.
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सचिव को जारी नोटिस में डिप्टी सीएम ने लिखा है कि मुझे बताया गया है कि 30 सितंबर को बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ( बीओजी ) की 28वीं बैठक में सचिव ( टीटीई ) के आग्रह पर 'दिल्ली की योगशाला' कार्यक्रम को बंद करने का निर्णय लिया गया. मुझे यह भी बताया गया कि जहां बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के कई सदस्य इस कार्यक्रम को जारी रखना चाहते थे, वहीं सचिव ने कहा कि इस कार्यक्रम को जारी नहीं रखा जा सकता.
सूत्रों के मुताबिक, सचिव से पूछा गया है कि 2008 के डीपीएसआरयू अधिनियम 7 की धारा 6 (4) के अनुसार , विश्वविद्यालय बाहरी तौर पर अध्ययन और विस्तार सेवाओं का आयोजन और संचालन कर सकता है, तो फिर सचिव ने किस आधार पर कहा कि योग कार्यक्रम को बंद करना होगा. गौर करने वाली बात है कि बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में सचिव (टीटीई) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि हैं. एक प्रतिनिधि के रूप में सरकार के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करना सचिव की भूमिका और जिम्मेदारी है. लेकिन मंत्री से चर्चा किए बिना सचिव ने इस कार्यक्रम को बंद करने का निर्णय क्यों और किस वजह से लिया.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल 13 दिसंबर को 'दिल्ली की योगशाला' कार्यक्रम की घोषण की थी. अभी पूरी दिल्ली में प्रतिदिन 17,000 से अधिक लाभार्थियों के साथ 590 योग कक्षाएं संचालित की जा रही हैं. दिल्ली विधानसभा ने दिल्ली फार्मास्युटिकल सेंटर फॉर मेडिटेशन एंड योग साइंसेज ( CMYS ) शुरू करने के लिए अलग से बजट का प्रावधान भी किया था.
24 घंटे में देना होगा जवाब
डिप्टी सीएम ने अपने नोटिस में सचिव से 24 घंटे में जवाब मांगा है. कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली समेत पूरे देश में योग को बढ़ावा देने के लिए 'दिल्ली की योगशाला' को एक प्रमुख कार्यक्रम के रूप में आगे बढ़ाया गया था.
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