नई दिल्ली:बाबरी मस्जिद तोड़े जाने की घटना को 30 साल हो गए हैं, लेकिन इससे जुड़ा विवाद अभी भी खत्म नहीं हुआ है. जेएनयू कैंपस में जेएनयूएसयू की तरफ से राम के नाम फिल्म की स्क्रीनिंग लगभग हर साल 6 दिसंबर को की जाती है. राम के नाम यह फिल्म जब से बनी है तब से विवादित रही है. इस फिल्म को लेकर अलग-अलग समुदाय की अलग-अलग राय है. राइट समर्थक लोग मानते हैं कि इस फिल्म में बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ चीजें दिखाई गई हैं.
वहीं, लेफ्ट समर्थक मानते हैं कि बाबरी मस्जिद तोड़े जाने की लगभग सच्चाई इस फिल्म में दिखाई गई है. बहरहाल बीते कई सालों से 6 दिसंबर को जेएनयूएसयू (Jawaharlal Nehru University Students Union) में लेफ्ट समर्थक छात्रों द्वारा इस फिल्म की स्क्रीनिंग की जाती है. इस साल स्क्रीनिंग के दौरान कैंपस का माहौल थोड़ा अलग था. इस बार एबीवीपी के छात्रों ने इस फिल्म के स्क्रीनिंग के विरोध में जमकर नारेबाजी की.
छात्र यूनियन के कार्यालय में इस फिल्म की स्क्रीनिंग हो रही थी. वहीं, दूसरी तरफ एबीवीपी के छात्र बाहर लेफ्ट समर्थक छात्रों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और जय श्रीराम, जय श्रीराम का नारा लगाकर इसका विरोध कर रहे थे. इस फिल्म की स्क्रीनिंग को लेकर किसी तरह का विवाद कैंपस में ना हो इसलिए स्थानीय सिक्योरिटी के अलावा दिल्ली पुलिस के जवान और आला अधिकारी सिविल में कैंपस के चप्पे-चप्पे में मौजूद थे.
बहरहाल, एबीवीपी के छात्र थोड़ी देर के विरोध प्रदर्शन के बाद शांत हो गए. लेफ्ट समर्थक छात्रों ने इस फिल्म की स्क्रीनिंग कर पूरे फिल्म को देखा. वहीं दूसरी तरफ एबीवीपी के छात्रों ने प्रदर्शन करके अपना विरोध भी जारी कर दिया.