नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जेल में चल रही मनमानी और उन पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने को लेकर लगे आरोपों की जांच के लिए गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंप दी है. जल्द इस रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन ने अपने मंत्री पद का गलत फायदा उठाया है. उनका तिहाड़ जेल से जो वीडियो सामने आया हैं, उसने चुनावी मौसम में बीजेपी को तो बड़ा मुद्दा दिया ही है, साथ ही जेल प्रशासन पर भी कई तरह के सवाल खड़े हो गए.
पिछले दिनों सार्वजनिक हुई जेल की सीसीटीवी फुटेज और आरोपों की जांच के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा गठित कमेटी (Committee constituted by LG Vinay Kumar Saxena) ने अपनी जांच रिपोर्ट तैयार कर ली है.
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सत्येंद्र जैन को जेल में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया? सत्येंद्र जैन के मसाज वाले वीडियो की सच्चाई क्या है? इन सवालों के जवाब जांच कमेटी की रिपोर्ट में शामिल है. उनकी तरफ से जेल के कई नियम तोड़े गए थे. इसी वजह से उन्हें जेल में कई वे सुविधाएं भी मिलीं, जो दूसरे कैदियों को नहीं मिलतीं. हाल ही में सत्येंद्र जैन की तिहाड़ जेल में मसाज कराने और जेल के डीजी के साथ बैठक करते वीडियो सामने आया था. इन वीडियोज से पहले सुकेश चंद्रशेखर ने भी एलजी को पत्र लिखकर सत्येंद्र जैन को जेल में वीआईपी सुविधाएं मिलने के आरोप लगाए थे.
सत्येंद्र जैन को मिलने वाली सुविधा पर दिल्ली सरकार की रिपोर्ट की मुख्य बातें
- रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 कैदी सत्येंद्र जैन को सेवा दे रहे थे. इनका नाम रिंकू, अफसर अली, सोनू, दिलीप कुमार और मनीष है. इसके अलावा, जेल सुप्रिटेंडेंट, वार्डन और मुंसी सत्येंद्र जैन को स्पेशल सर्विस दे रहे थे.
- तिहाड़ जेल के नियमों के विरुद्ध जैन ने अकसर अपनी सेल में दरबार लगाया. सह-आरोपियों और ईडी के दूसरे केस के आरोपियों के साथ दरबार लगाया. ये दरबार कर्फ्यू के समय भी लगाया जाता था.
- रिपोर्ट में कहा गया कि रिंकू ने जो मसाज की थी, वो जेल अधिकारियों द्वारा सत्येंद्र जैन को एक स्पेशल ट्रीटमेंट दिया गया था.
- जांच रिपोर्ट में डीजी जेल, संदीप गोयल और सत्येंद्र जैन के बीच साठ गांठ का पता चला है. गोयल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
- कैदियों डर से सत्येंद्र जैन को सेवा दे रहे थे. इन्हें पनिशमेंट टिकट का डर दिखाया जाता था.
- सत्येंद्र जैन की पत्नी पूनम जैन और परिवार के दूसरे सदस्य जेल नियमों के खिलाफ अकसर उनसे मिलते थे और ये सब तत्कालीन डीजी संदीप गोयल, जेल अधीक्षक अजीत कुमार और दूसरे अधिकारियों की मिली भगत से होता था.
- दूसरे कैदियों के जेल एकाउंट कार्ड्स का फल, खाना और दूसरी चीजों की खरीद के लिए बेनामी इस्तेमाल किया. ये कार्ड जेल वार्डन और दूसरे पैसे वाले कैदियों के द्वारा रिचार्ज कराए जाते थे.
- सत्येंद्र जैन और संजय गुप्ता ने जेल की कैंटीन से खाने पीने का सामान खरीदने के लिए 3-4 कार्ड्स का इस्तेमाल लिया. एक कार्ड की लिमिट एक महीने के लिए 7000 रुपये की होती है, इसलिए अलग-अलग कार्ड का इस्तेमाल किया.
- रिपोर्ट में कहा गया है कि तत्कालीन जेल के डीजी संदीप गोयल सत्येंद्र जैन के करीबी थे.
- सितंबर और अक्टूबर की मुलाकात रिकार्ड्स के मुताबिक पूनम जैन और परिवार के दूसरे सदस्यों ने कई बार बिना अनुमति के सत्येंद्र जैन से मुलाकात की.
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