नई दिल्ली: मनी लाउंड्रिंग के आरोपी सतीश साना बाबू ने अपने खिलाफ चल रहे मामले को निरस्त करने की मांग करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर किया है. सतीश साना बाबू ने मनी लाउंड्रिंग के मामले में ईडी की ओर से जारी 18 और 25 जुलाई को समन को निरस्त करने की मांग की है.
पिछले 19 अगस्त को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने सतीश साना बाबू को जमानत दे दिया था. कोर्ट ने पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी.
सुनवाई के दौरान ईडी ने चार्जशीट दाखिल करने के पहले सतीश साना बाबू की जमानत देने का विरोध किया था. ईडी ने कहा था कि इस मामले में पहले हमने सतीश साना बाबू को गवाह बनाया लेकिन जांच में पता चला कि वो मनी लाउंड्रिंग के मामले में लिप्त है. उसके खिलाफ जांच चल रही है और जमानत देने से जांच प्रभावित होने का अंदेशा है.
'गवाह को सुरक्षा मिली होती है'
सतीश साना बाबू की तरफ से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा था कि हमारे बयानों की वजह से सतीश साना बाबू को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. सतीश साना बाबू एक गवाह था और गवाह को सुरक्षा मिली होती है. सतीश साना बाबू की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा था कि 2017 में मनी लाउंड्रिंग एक्ट की धारा 50 के तहत बयान दर्ज कराया गया, जिसमें हमें गवाह बनाया गया.
क्या ईडी ये कह सकती है कि सतीश साना बाबू के बयान भरोसे लायक नहीं हैं. पिछले 9 अगस्त को कोर्ट ने सतीश साना बाबू को 23 अगस्त तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.