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सरना दल ने बालासाहेब अस्पताल शुरू करने के लिए की अरदास - बालासाहेब अस्पताल दिल्ली

शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के प्रधान परमजीत सिंह सरना और दल के जनरल सेक्रेटरी हरविंदर सिंह सरना समेत तमाम लोगों ने गुरु बाला साहिब गुरुद्वारे में अरदास की और बालासाहेब अस्पताल शुरू करने के लिए अरदास की.

Sarna Dal offered Ardas to start Balasaheb Hospital in delhi
सरना दल ने बालासाहेब अस्पताल शुरू करने के लिए की अरदास

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Published : Jan 10, 2021, 8:24 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के इस साल अप्रैल में होने वाले चुनाव को लेकर एक बार फिर बालासाहेब अस्पताल के निर्माण को लेकर गहमागहमी तेज हो गई है. शिरोमणी अकाली दल दिल्ली के प्रधान और DSGMC के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना और दल के जनरल सेक्रेटरी हरविंदर सिंह सरना समेत तमाम लोगों ने गुरु बाला साहिब गुरुद्वारे में अरदास की.

सरना दल ने बालासाहेब अस्पताल शुरू करने के लिए की अरदास
2013 के बाद रुका हुआ है अस्पताल निर्माण का कार्य
इस दौरान परमजीत सिंह सरना ने कहा कि 2013 में आलिशान अस्पताल की नींव रखी गई थी. इसी कड़ी में आज शिरोमणि अकाली दल भारी संख्या में दिल्ली के संगतो और कार्यकर्ताओं के संग बालासाहेब गुरुद्वारे में अरदास के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे विश्वस्तरीय अस्पताल का सपना हमने नि:स्वार्थ भाव से तकरीबन एक दशक पहले देखा था, उसको हकीकत में बदलने के लिए आज हम अरदास करने के लिए इकट्ठे हुए हैं.
अस्पताल में गरीबों को मिलेगा मुफ्त इलाज
उन्होंने कहा कि बालासाहेब अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद दिल्ली के सभी संगत को मुफ्त इलाज और बीमा उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही जो जरूरतमंद लोग हैं, उन तक भी मुफ्त इलाज पहुंचाया जाएगा. इतना ही नहीं उन्होंने दावा किया कि 500 बेड के आलीशान अस्पताल के साथ यहां पर मेडिकल कॉलेज और नर्सिंग होम भी खोला जाएगा और यहां पर सभी सर्जरी, ओपीडी, मुफ्त दवा समेत सभी इलाज की सुविधा होगी.
1999 में अस्पताल बनाए जाने के लिए की गई थी अरदास
इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल दिल्ली के जनरल सेक्रेटरी हरविंदर सिंह ने कहा हमारा इस अस्पताल को बनाने का संकल्प था, बाबा हरबंस सिंह से 1999 में इस अस्पताल को बनवाने के लिए अरदास की गई थी, उन्होंने बताया कि पहले ढाई सौ बेड का यह अस्पताल बनाया गया था, लेकिन साल 2007 में इस अस्पताल को 550 बेड का करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन तभी बादल समिति ने गलत नीति अपनाते हुए अस्पताल निर्माण कार्य को रुकवाया. उन्होंने कहा कि अगर अस्पताल बन जाता तो गरीब लोगों को यहां पर मुफ्त में इलाज मिलता और तो और जो भी गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोग हैं उनको भी यहां पर मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती. इसके साथ उन्होंने कहा कि दिल्ली सिख गुरुद्वारा समिति को भी हर महीने डेढ़ करोड़ के हिसाब से सालाना 30 करोड़ का मुनाफा होता.

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