नई दिल्ली: इन दिनों राजधानी के सरकारी स्कूलों में वार्षिक परीक्षा चल रही है. परीक्षा के दौरान सोशल साइंस के परीक्षा में पूछे गए सवालों को लेकर विवाद हो गया है. बता दें कि दिल्ली शिक्षा निदेशालय के अंतर्गत आने वाले सरकारी स्कूलों में आयोजित हुई सोशल साइंस के परीक्षा में पूछे गए सवालों से टीचर और कई अभिभावक नाराज दिखे.
बताया जा रहा है कि क्लास 9th के सोशल साइंस प्रश्न पत्र में पूछे गए सवाल धार्मिक भावनाओं के खिला़फ हैं. इस प्रश्न पत्र में एक समुदाय के भगवान को ऊपर तो दूसरे समुदाय के भगवान को कमजोर दिखाने की कोशिश की गई है. जिसको लेकर शिक्षकों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.
'धार्मिक भावनाएं आहत'
बुधवार को सरकारी स्कूलों में हो रही परीक्षा के दौरान द्वितीय पाली में सोशल साइंस का पेपर हुआ था. कई शिक्षकों ने प्रश्न पत्र बनाने वालों के संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि प्रश्न पत्र में पूछे गए सवाल से समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है.
बता दें कि बुधवार को आए सोशल साइंस के पेपर में पहला सवाल हिंदुओं के मान्य देवता श्री राम के बारे में था.
सवाल था कि -'राम के शासन में सभी निर्णय राजा द्वारा लिए जाते थे और उनमें जनता का योगदान नहीं होता था'. इसके लिए चार स्थितियां बताई गई थी और यह बताना था कि कौन सा स्वरूप लोकतंत्र का है. साथ ही इसके बारे में अपने तर्क भी लिखने थे.