नई दिल्ली:दिल्ली के प्रगति मैदान में 42वां विश्व व्यापार मेला शुरू हो चुका है. इसमें 14 नवंबर से 27 नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2023 का आयोजन किया जा रहा है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित सरस आजीविका मेले में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जाएगा. इस दौरान करीब 300 महिला शिल्प कलाकार, 150 के करीब स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन करेंगी.
इस मेले में देशभर के 27 राज्यों के हजारों उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री होगी. यह मुहिम ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गई है, जिससे देश के हस्तशिल्पियों और हस्त कलाकारों को रोजगार शुरू करने का मौका मिल सके. मेले में विभिन्न जगहों से कई प्रकार की चीजें प्रदर्शित की गई हैं, जो इस प्रकार हैं-
झारखंड- ट्राइबल ज्वेलरी, शहद, मिक्स अचार, दाल, आम का अचार, ऑर्गेनिक वेजीटेबल, मसाले, चावल, दाल, साबुन, हाथों से बने स्नैक्स और चॉकलेट.
कर्नाटक-लकड़ी के खिलौने, कॉफी पाउडर, इलायची, शहद, गुड़, पेंटिंग, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, केले के चिप्स, हेडमेड चॉकलेट व मसाले, क्ले और सजावटी सामान.
लद्दाख-ड्राई फ्रूट्स, हैंड एम्ब्रॉडरी वर्क, कार्पेट, लेदर पर्स और तेल.
मध्य प्रदेश- हैंडलूम आइटम, चंदेरी साड़ी, बैंबू उत्पाद, दुपट्टा और गोंद.
महाराष्ट्र-एम्ब्रॉडरी ड्रेस, नींबू का अचार और लकड़ी के खिलौने.
मणीपुर- वॉटर हायसिन्थ प्रोडक्ट
मिजोरम-कड़ी पाउडर
नगालैंड- बास्केट, सैंडल और ट्राइबल ज्वेलरी.
ओडिशा- सबाई हैंडीक्राफ्ट, कांस ग्रास और तसर साड़ी.
पंजाब-जूट बैग, कुशा मैट्स, कुची हेंडीक्राफ्ट और वुलेन जैकेट.
पुडुचेड़ी-बीड्स और इमीटेशन ज्वेलरी
राजस्थान- ब्लॉक प्रिंटेड बेडशीट, कलाकृतियां और आयरन टूल्स प्रोडक्ट
तमिलनाडु- पारंपरिक कपड़े और स्पेशल साड़ी.
तेलंगाना-स्पेशल साड़ी
त्रिपुड़ा- पारंपरिक कपड़े