नई दिल्ली: सनातन धर्म पर विवादित बयान देने वाले तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ सोमवार को धर्म रक्षा मंच द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. तमिलनाडु भवन के बाहर सैकड़ों संतों की उपस्थिति में प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश पंजाब समेत अन्य राज्यों से आए सैकड़ों संत प्रदर्शन में शामिल हुए. उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना और डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियों से कर इस धर्म को खत्म करने की बात कही थी. जिससे देश विदेश के हिंदुओं में नाराजगी है.
कुछ दिन पहले ही बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर ने कहा था कि "रामचरितमानस में पोटेशियम साइनाइड है, जबतक यह रहेगा तब तक इसका विरोध करते रहेंगे. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य, प्रियंक खड़गे ने भी सनातन के विरोध में जहर उगला था. इन सब के खिलाफ संत समाज में आक्रोश है.
आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज एवं स्वामी राघवानन्द महाराज, संस्थापक एवं मार्गदर्शक, दिल्ली संत महामण्डल ने उपस्थित संतों एवं सनातनी बन्धुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि "सब राजनीतिक नेता अपने स्वार्थ के लिए किसी भी धर्म के खिलाफ बोलना बंद करें. उन्होंने मांग की है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्वयं इसके लिए माफी मांगे. जो भी इस प्रकार के दोषी व्यक्ति हैं उनको दंड दे. अन्य राज्य के पार्टी प्रमुख भी इस प्रकार के अशोभनीय बात करने वालों को निष्कासित करें.
महंत नारायण गिरी ने बताया सनातन विरोधियों कि "हेट स्पीच के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका पर नोटिस लिया है. हम मानते हैं की गाली-गलोच की भाषा से लोकतंत्र का अपमान होता है. हम यह भी मानते हैं कि यह भाषा लोगों को संविधान में दिए गए धार्मिक अधिकारों के पालन का विरोध करती है. हम आशा करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में पूरा विचार करके इन लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का आदेश देगी"