नई दिल्ली: मंडी हाउस स्थित साहित्य अकादमी ने अपने नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है. साहित्य अकादमी के इतिहास में पहली बार हुआ है जब एक साल के भीतर करोड़ों रुपए की किताबों की बिक्री हुई है. साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि यह साहित्य अकादमी के लिए गर्व की बात है कि हमारी किताबों की डिमांड देश भर में हैं. इसका जीता जागता उदाहरण है कि साल 2022 में जनवरी से लेकर दिसंबर तक 18 करोड़ 36 लाख रुपए की किताबे बिकी हैं.
साहित्य अकादमी में इससे पहले कभी भी इतनी भारी तादाद में किताबें नहीं बिकी हैं. उन्होंने इस पर अपनी खुशी जाहिर की और कहा कि हमें विश्वास है कि आगे भी अकादमी नए-नए रिकॉर्ड बनाएगी. उन्होंने बताया कि एक साल के भीतर कई लाख किताबों की कॉपी बिक्री की गई.
कोरोना के बाद किताबों की बिक्री मेंआया उछाल:के. श्रीनिवासराव ने बताया कि साल 2020 में कोरोना महामारी ने चारों तरफ अपना कहर बरपाया. हालांकि, धीरे-धीरे स्थिति सुधरी और यही वजह है कि हमने अपने रविंद्र भवन में छोटा सा पुस्तक मेला भी लगाया. उन्होंने बताया कि अगर दो वर्ष पूर्व देखे तो हमारी किताबों की बिक्री लाखों तक ही सीमित रह जाती थी. कोरोना के बाद आप देखे छपी हुई पुस्तक की डिमांड बढ़ी है. हमारी एक साल की सेल इसका ताजा उदाहरण है. उन्होंने बताया कि प्रगति मैदान में आयोजित पुस्तक मेला में साहित्य अकादमी के स्टॉल पर रोजाना 9 दिन सवा लाख रुपए की किताब की बिक्री हुई है.
हिंदी भाषा की किताबों की ज्यादा डिमांड:साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि अकादमी की किताबों में सबसे ज्यादा हिंदी भाषा की किताबे ज्यादा डिमांड पर हैं. खास तौर पर बाल साहित्य पर आधारित किताबें. उन्होंने कहा कि डिजिटल का दौर है लेकिन अभी भी लोग छपी हुई पुस्तकों को ही पढ़ना चाहते हैं. ऐसा नहीं है कि ई-बुक्स नहीं पढ़ी जा रही. लेकिन छपी हुई पुस्तकों की तुलना में वह अभी बहुत पीछे हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से लेकर देश के अन्य छोड़ पर भी अकादमी की किताबों की डिमांड पर है.
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