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साल के पहले ही माह में बढ़े हत्या के मामले, IPC में भी बढ़ोत्तरी - women crime

राजधानी में नया साल शुरू होते ही अपराधियों ने भी ताबड़तोड़ वारदात करना शुरू कर दिया है. अकेले जनवरी माह में हत्या के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. वहीं महिला के प्रति होने वाले अपराधों में कमी आई है.

महिलाओं के प्रति अपराध में आई कमी

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Published : Feb 23, 2019, 8:30 PM IST

नई दिल्ली: वर्ष 2018 में जहां जनवरी माह में हत्या की 42 वारदातें हुई थीं तो वहीं वर्ष 2019 में जनवरी माह के अंदर हत्या की 47 वारदातों को अंजाम दिया गया है. पुलिस के मुताबिक वर्ष 2019 के जनवरी माह में हत्या, झपटमारी और वाहनचोरी की वारदातों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.

अपराध का बढ़ता ग्राफ
हत्या के मामलों में लगभग 10 फीसदी का इजाफ़ा हुआ है. झपटमारी की वारदातों में भी लगभग 10 फीसदी वृद्धि हुई है. वर्ष 2018 के जनवरी माह में जहां 436 झपटमारी की वारदातें हुई थी तो वहीं वर्ष 2019 के जनवरी माह में 476 झपटमारी की वारदातें हो चुकी हैं. इसके अलावा वाहनचोरी की वारदातें 3210 से बढ़कर 3667 हो गई हैं. पुलिस के लिए वर्ष 2019 में इन अपराधों को कम करना बड़ी चुनौती होगी.

अपराधों में बढ़ोत्तरी चिंता का विषय
प्रत्येक वर्ष आईपीसी अपराधों में हो रही बढ़ोत्तरी भी पुलिस के लिए चिंता का विषय है. वर्ष 2019 में भी आईपीसी अपराध में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है. वर्ष 2018 के जनवरी माह में आईपीसी के तहत जहां 20711 मामले दर्ज किए गए थे, वहीं वर्ष 2019 के जनवरी माह में आईपीसी के तहत कुल 24670 मामले दर्ज हुए हैं. वहीं गंभीर अपराधों में लगभग 20 फीसदी की कमी आई है. वर्ष 2018 में जहां गंभीर अपराध के 478 मामले जनवरी माह में दर्ज हुए थे, वहीं वर्ष 2019 में यह घटकर 400 रहे हैं.

महिलाओं के प्रति अपराध में आई कमी
दिल्ली पुलिस की माने तो महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में वर्ष 2019 के पहले माह में कमी आई है. वर्ष 2018 में जहां जनवरी माह में दुष्कर्म की 146 घटनाएं हुई थी, वहीं वर्ष 2019 के जनवरी माह में दुष्कर्म के 131 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं महिलाओं से छेड़छाड़ की बात करें तो बीते वर्ष 208 छेड़छाड़ की घटनाएं हुई थी. वहीं इस वर्ष छेड़छाड़ की 191 घटनाएं 31 जनवरी तक दर्ज हुई हैं. दहेज हत्या के मामलों में भी मामूली कमी आई है. वर्ष 2018 की जनवरी माह में जहाँ 13 महिलाएं दहेज हत्या का शिकार हुईं तो इस वर्ष 12 महिलाओं को दहेज के चलते जान गंवानी पड़ी.

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