नई दिल्ली: सरस आजीविका मेला (SARAS AAJEEVIKA MELA) 2022 का औपचारिक उद्घाटन शुक्रवार को ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने किया. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि मंत्रालय ऐसा काम नियमित रूप से करता रहता है. उन्होंने बताया कि इससे पहले 2.35 करोड़ दीदियां इस मेले से जुड़ी हुई थीं, जो कि अब यह आंकड़ा 9 करोड़ के करीब पहुंच चुका है. उन्होंने बताया कि लगभग 97 प्रतिशत ब्लॉकों में यह व्यवस्था पहुंच चुकी है और जल्द ही हम इससे दस करोड़ और दीदियों को जोड़ेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले स्टार्टअप केवल आईटी सेक्टरों के लिए था लेकिन अब हम इस क्षेत्र में भी स्टार्टअप लाने की तैयारी कर रहे हैं. हमें बताते हए बहुत खुशी हो रही है कि अभी तक स्टार्टअप के लिए तीस हजार के करीब अप्लीकेशन आ चुके हैं.
गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि हम हर दीदी को लखपति और करोड़पति बनाएं और आने वाले दशकों में जब भारत पांच ट्रिलियन का इकोनॉमी का देश बनेगा तो उसमें इन दीदीयों का भी एक महत्वपूर्ण योगदान होगा. इस दौरान गिरिराज सिंह ने मेले में लगे विभिन्न स्टॉलों पर जा कर इन एसएचजी महिलाओं का हौसला भी बढ़ाया और मेले का निरीक्षण भी किया.
दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 41वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला-एवं संस्कृति से सराबोर (Vocal for local) “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के साथ, 14 से 27 नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2022 का आयोजन हॉल नंबर 7 (ए, बी, सी) में किया जा रहा है.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेले 2022 में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है. 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्पकलाकार, 150 के करीब स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी कर रहे हैं.
दिल्ली में सरस आजीविका मेले का आयोजन सरस आजीविका मेला 2022 में कुछ उत्कृष्ट प्रदर्शन जो विभिन्न राज्यों से हैं वो इस प्रकार हैं: ० अंडमान एंड निकोबार से बैंबू प्रोडक्ट.० अरुणाचल प्रदेश से पारंपरिक कपड़े और बैंबू प्रोडक्ट्स.० आसाम से असामीज कपड़े के मेटेरियल, वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट्स, केन एंड बैंबू प्रोडक्ट्स. ० आंध्रप्रदेश से साउथ इंडियन पिकल, तेल, हर्बल हनी, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, साड़ी और सॉफ्ट खिलौने आदि रहेंगे.० बिहार से मधुबनी पेंटिंग, सिल्क साड़ी, सोलर टार्च, लाह की चूड़ियां और प्राकृतिक शहद रहेंगे.० छत्तीसगढ़ से कॉटन सूट, फुलकारी सूट, सिल्क साड़ी, मेटल आर्ट, बेल मेटल, ड्राई फ्रूट्स और स्नैक्स, पापड़, आम के अचार और हल्दी पाउडर वहीं, गुजरात से मिस्लेनियस हेंडलूम आइटम, सिल्क साड़ी, दुपट्टा, बेल मेटल, गारलेंड्स, वुडेन हेंडीक्राफ्ट, पैटचित्रा के साथ साथ बेड डेकोरेटिव आइटम रहेंगे. ० गोवा से कुची हेंडीक्राफ्ट्स और स्नैक्स रहेंगे. ० हरियाणा से कॉटन सूट, साड़ी, दुपट्टा, टेराकोटा आइटम, क्लाउथ मेटेरियल, ड्रेस मेटेरियल, ज्वेलड़ी, स्नैक्स में मशहूर महुआ लड्डू. ० हिमाचल प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, साक्स, हेंडबैग, साबुन.० जम्मु कश्मीर से गोल्डन ग्रास प्रोडक्ट, कुची हेंडीक्राफ्ट, क्लाउथ मेटेरियल आदि. ० झारखंड से ट्राइबल ज्वेलरी, हनी, मिक्स अचार, दाल, आम के अचार, फ्लोर, आर्गेनिक वेजीटेबल और मशाले, चावल, दाल, साबुन के साथ ही स्नैक्स में हाथ के बनाए हुए चॉकलेट मशहूर रहेंगे.० कर्नाटका से वुडेन खिलौने, पेपर, कॉफी पाउडर, कार्डामॉम क्लाउथ मेटेरियल, हनी,मिक्सड पीकल, जैगरी, पेंटिंग, वुडेन हेंडीक्राफ्ट. ० केरला से कोकोनट ऑयल, कार्डामॉम,पेपर, मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, बनाना चिप्स, स्नैक्स, हेडमेड चॉकलेट, मशाले, क्ले डेकोरेटिव आइटम.० लद्दाख से ड्राई फ्रूट्स, हेंड एमब्रोडरी वर्क, कार्पेट, लेदर पर्स और तेल. ० मध्य प्रदेश से मिस्लेनियस हेंडलुम आइटम, चंधेरी साड़ी, जैगरी, बैंबू प्रोडक्ट, दुपट्टा, गोंद, डेकोरेटिव आइटम.० महाराष्ट्र से एमब्रोडरी ड्रेस, वुडेन खिलौने, लेमन पिकल.० मणीपुर से वाटर हायसिन्थ प्रोडक्ट, मिजोरम से कड़ी पाउडर, ब्लैक पेपड़, नागालैंड से बासकेट, सैंडल, ट्राइबल ज्वेलरी, ओडिशा से सबाई हेंडीक्राफ्ट, काश ग्रास, तासर साड़ी, पंजाब से जूट बैग, कुशा मैट्स, कुची हेंडीक्राफ्ट, वुलेन जैकट. ० राजस्थान से ब्लॉक प्रिंटेड बेडसीट, आर्टीफैक्ट्स और आयरन टुल्स प्रोडक्ट.० तमिलनाडु के पारंपरिक कपड़े और स्पेशल साड़ी आदि. ० तेलंगाना से स्पेशल साड़ी, त्रिपुड़ा के पारंपरिक कपड़े. ० उत्तराखंड के आर्गेनिक दालें, ग्रास बॉक्स, टेराकोटा आइटम, ब्लॉक प्रिंटेड बेडशीट, आयरन टुल्स प्रोडक्ट.० उत्तर प्रदेश से हेंड एमब्रोडरी वर्क, पॉटरी वर्क, स्टोल, डिजायनर बेडशीट, शिल्क साड़ी, मेटल डेकोरेटिव आयटम.० वेस्ट बंगाल से होम डेकोर प्रोडक्ट, बैंगल, ज्वेलड़ी, कांथा स्टीच आदि हैं. सरस आजीविका मेला के दौरान देश भर के 24 राज्यों के हजारों उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री होगी. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा यह एक मुहिम की शुरुआत की गई है. जिससे कि हमारे देश के हस्तशिल्पियों और हस्तकारों को कोरोना के बाद एक बार फिर से अपनी रोजगार शुरु करने का मौका मिल सके.
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