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मनी लांड्रिंग मामले को दूसरे जज को ट्रांसफर करने की सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज, इससे पहले एक बार बदल चुके हैं जज - पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन

मनी लांड्रिंग मामले में जज ट्रांसफर कराने की याचिका को खारिज कर दिया गया है. सत्येंद्र जैन ने कोर्ट में मामले में दूसरे जज को केस सौंपने की याचिका दायर की थी. जैन अभी फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत पर बाहर हैं.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 20, 2023, 10:57 PM IST

नई दिल्ली: मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी. जैन ने कोर्ट में अपने मनी लॉन्ड्रिंग मामले को दूसरे जज को ट्रांसफर करने से जुड़ी याचिका राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को खारिज की. राउज एवेन्यू कोर्ट की प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंजु बजाज चांदना ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि किसी न्यायाधीश की ओर से की गई कड़ी टिप्पणियां स्वयं यह निष्कर्ष निकालने का आधार नहीं हो सकती हैं कि वह निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं कर रहे हैं.

नहीं बदले जाएंगे जज: अदालत ने कहा कि रिकार्ड के आधार पर न्यायाधीश न्याय के नियमों का पालन करते हुए मामले का उचित निपटारा कर रहे हैं. कार्यवाही के दौरान कुछ आदेश अभियोजन पक्ष के पक्ष में हो सकते हैं और कुछ बचाव पक्ष के पक्ष में हो सकते हैं. लेकिन, ऐसे आदेशों को संबंधित न्यायाधीश पर पूर्वाग्रह का आरोप लगाने का आधार नहीं बनाया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि कुछ आदेश किसी विशेष पक्ष के खिलाफ हैं, मामले को दूसरे न्यायाधीश के पास ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.

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दो बार बढ़ चुकी है जमानत:करीब डेढ़ साल से तिहाड़ जेल में बंद आप नेता सत्येंद्र जैन ने अपने खिलाफ चल रहे मनी लांड्रिंग मामले की सुनवाई स्पेशल जज विकास ढुल की अदालत से दूसरी अदालत में ट्रांसफर करने की मांग की थी. जैन को मनी लांन्ड्रिंग केस में 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया गया था. तभी से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं. जैन पर फर्जी कंपनियां बनाकर 16 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर करने का आरोप है. न्यायाधीश ढुल से पहले उनके केस की सुनवाई विशेष जज गीतांजलि गोयल कर रही थी. उस समय जैन की याचिका पर सितंबर 2022 में सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद उनका केस जज विकास ढुल को दे दिया गया था.

जैन की जमानत याचिका छह अप्रैल को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. इसके बाद उन्होंने ने सुप्रीम कोर्ट से चिकित्सा आधार पर अपनी सर्जरी कराने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने जैन को डेढ़ महीने की अंतरिम जमानत दे दी थी. जिसे अब तक दो बार बढ़ाया जा चुका है.

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