नई दिल्ली: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) यमुना नदी के किनारे बसे दिल्ली में नदी उत्सव का आयोजन 22 सितंबर से 24 सितंबर तक करेगा. कार्यक्रम आईजीएनसीए के राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण अभियान (एनएमसीएम) और जनपद सम्पदा विभाग करेगा. तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कई आयोजन होंगे.
इस दौरान पर्यावरणविदों व विभिन्न विषयों के विद्वानों के साथ विद्वतापूर्ण चर्चाएं, फिल्मों की स्क्रीनिंग, प्रख्यात कलाकारों की प्रस्तुतियां, कठपुतली शो, विभिन्न पुस्तकों पर चर्चा सहित विविध प्रकार के कार्यक्रम होंगे. मुख्य अतिथि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव, प्रसिद्ध दार्शनिक व विद्वान आचार्य श्रीवत्स गोस्वामी तथा परमार्थ निकेतन के आध्यात्मिक गुरु स्वामी चिदानंद सरस्वती तथा विशिष्ट अतिथि प्रख्यात पर्यावरणविद् 'पद्मभूषण' प्रमुख व डॉ. अनिल प्रकाश जोशी होंगे.
कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक आईजीएनसीए के अध्यक्ष पद्मश्री' रामबहादुर राय और संरक्षक आईजीएनसीए के संरक्षक डॉ. सच्चिदानंद जोशी हैं. इस तीन दिवसीय आयोजन का प्रारम्भ 22 सितंबर को 10.30 बजे पूर्वाहन को आईजीएनसीए के कॉन्फ्रेंस हॉल उमंग में होगा. 'नदी उत्सव' आयोजन में प्राचीन ग्रंथों में नदियों का उल्लेख, नदियों के किनारे सांस्कृतिक विरासत, लोक और सांस्कृतिक परम्परा में नदियां सहित कई विषयों पर चर्चा सत्र आयोजित किए जाएंगे. तीन दिनों में 18 फिल्मों की स्क्रीनिंग भी की जाएगी, जिनमें से 12 फिल्मों का निर्माण आईजीएनसीए ने किया है. कठपुतली शो के अंतर्गत, पूरण भट द्वारा 'द यमुना गाथा' का प्रदर्शन किया जाएगा.
इससे पहले हो चुके हैं तीन उत्सवःआईजीएनसीए पिछले कुछ वर्ष से नदी उत्सव का भव्यतापूर्ण आयोजन कर रहा है. इसकी कल्पना आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने लोगों के बीच पारिस्थितिकी और पर्यावरण के बारे में जागरुकता उत्पन्न करने तथा उन्हें संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से की थी. आईजीएनसीए द्वारा इसकी शुरुआत 2018 में नासिक (महाराष्ट्र) से की गई थी, जो गोदावरी नदी के किनारे बसा है. दूसरे 'नदी उत्सव का आयोजन कृष्णा नदी के किनारे बसे विजयवाडा (आंध्र प्रदेश) में और 'नदी उत्सव' का तीसरा आयोजन गंगा के किनारे बसे मुंगेर (बिहार) में हुआ था. दिल्ली में चौथा नदी उत्सव का आयोजन हो रहा है.
यह भी पढ़ेंः प्राइवेट स्कूलों में EWS कोटे से एडमिशन में आधार अनिवार्य नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट से केजरीवाल सरकार को झटका