नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुठभेड़ के बाद एक शातिर बदमाश को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान मनोज उर्फ हैप्पी उर्फ भोला के रूप में की गई है. गोगा गांव का रहने वाला हैप्पी अशोक प्रधान गैंग का शूटर है. मुठभेड़ के दौरान उसके पैर में गोली लगी है. उसके पास से एक सेमी ऑटोमेटिक पिस्तौल, पांच जिंदा कारतूस और दो चली हुई गोलियों के खोल बरामद हुए हैं. उसके पास मौजूद बाइक भी चोरी की है.
डीसीपी संजीव यादव के अनुसार इनामी बदमाशों को लेकर स्पेशल सेल काम कर रही थी. हाल ही में स्पेशल सेल में तैनात एएसआई देवेंद्र को सूचना मिली कि हैप्पी उर्फ मनोज बिजवासन इलाके में अपने किसी साथी से मिलने के लिए आएगा. उसके साथ मिलकर वह किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने की साजिश रचेगा. इस जानकारी पर एसीपी संजय दत्त की देखरेख में इंस्पेक्टर अतुल त्यागी और दलीप कुमार की टीम ने बिजवासन इलाके में जाल बिछाया. कुछ देर बाद वहां पर बाइक सवार युवक आया जिसे पुलिस टीम ने रुकने का इशारा किया. वह यू टर्न लेकर भागने लगा. इस दौरान अनियंत्रित होकर उसकी बाइक गिर पड़ी.
पुलिस टीम पर चलाई गोली, हुआ घायल
बदमाश ने तुरंत पिस्तौल निकालकर पुलिस टीम पर गोली चला दी. यह गोली एएसआई देवेंद्र कुमार की बुलेटप्रूफ जैकेट में लगी. उसी समय इंस्पेक्टर अतुल त्यागी ने खुद को झुककर बचाया. पुलिस टीम ने भी बचाव में गोली चलाई जिसमें एक गोली उसके पैर में लगी. पुलिस टीम ने उसे मौके से काबू कर लिया. जांच में पता चला उसके पास मौजूद बाइक प्रेम नगर इलाके से चोरी की गई है. इसे लेकर आर्म्स एक्ट का मामला स्पेशल सेल ने दर्ज किया है. गिरफ्तार किया गया आरोपी दसवीं कक्षा तक पढ़ा है. वर्ष 2009 में उसे पहली बार हत्या प्रयास के मामले में यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
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दर्जनभर से ज्यादा वारदातों में शामिल
आरोपी हत्या, हत्या प्रयास, अपहरण, लूट, जबरन उगाही, झपटमारी, चोरी, आर्म्स एक्ट आदि की 14 वारदातों में शामिल रहा है. वह नीरज भारद्वाज उर्फ गोगा नामक बदमाश का साथी है और उस पर 50 हजार रुपये का इनाम दिल्ली पुलिस की तरफ से घोषित था. अक्टूबर 2019 में स्पेशल सेल की टीम पर आरोपियों ने गोली चलाई थी. इसमें नीरज भारद्वाज को स्पेशल सेल ने मौके पर गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन मनोज और राजेश भागने में कामयाब रहे थे. उसके खिलाफ नरेला में हत्या प्रयास का मामला भी वर्ष 2019 में दर्ज किया गया था. वर्ष 2009 में उसने शामली से अधिवक्ता को अगवा कर उसके परिवार से 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी थी. परिवार ने जब रकम नहीं चुकाई तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी थी.