नई दिल्ली: भारत विभाजन के दौरान हुई घटनाओं पर दिल्ली यूनिवर्सिटी शोध करेगा. इसके लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी के वीसी ने मंजूरी दे दी है. वीसी प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि स्वतंत्रता और विभाजन अध्ययन केंद्र स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि डीयू अकादमिक काउंसिल की बैठक के दौरान स्वतंत्रता और विभाजन अध्ययन केंद्र को स्थापित करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृत कर लिया गया. इस केंद्र द्वारा शोध के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे अज्ञात नायकों और घटनाओं पर भी काम होगा, जिन्हें इतिहास में अभी तक स्थान नहीं मिला है.
इसके साथ ही भारत विभाजन की त्रासदी के दौरान की घटनाओं पर भी गहनता से अध्ययन एवं शोध होगा. इसके लिए उस दौर के उन लोगों की आवाजों में 'ओरल हिस्ट्री' भी रिकॉर्ड होगी, जिन्होंने इस त्रासदी को झेला है. विदेशी शासन से आजादी हासिल करने में आने वाली चुनौतियों को पूरी तरह से समझने और देश के भौगोलिक विभाजन से लोगों को शारीरिक, भावनात्मक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक नुकसान के प्रभाव पर भी इस केंद्र में अध्ययन किया जाएगा. यह केंद्र स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के विभिन्न पहलुओं और विभाजन के कारणों और प्रभाव के अध्ययन पर काम करेगा.
भीमराव अंबेडकर को अधिकाधिक पढ़ाया जाए
डीयू के वीसी योगेश सिंह ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक काउंसिल की 1014वीं बैठक में स्नातक पाठ्यक्रम पर चर्चा के दौरान पॉलिटिकल साइंस के सिलेबस से अल्लामा इकबाल को बाहर कर दिया गया है. भारत को तोड़ने की नींव डालने वालों को सिलेबस में नहीं होना चाहिए. कुलपति के प्रस्ताव को हाउस ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया. बैठक में अंडर ग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क (यूजीसीएफ) 2022 के तहत अनेकों कोर्सों के चौथे, पांचवें और छटे सेमेस्टर के पाठ्यक्रमों को पारित किया गया. उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर को अधिकाधिक पढ़ाने पर भी जोर दिया है. बैठक में दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा प्रस्तावित बीए के पाठ्यक्रम के संबंध में स्थायी समिति की सिफारिशों पर भी विचार किया गया और दर्शनशास्त्र विभाग के प्रमुख सहित सर्वसम्मति से उन्हें मंजूरी दी गई. दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा प्रस्तुत किए गए बीए के पाठ्यक्रम में 'डॉ अम्बेडकर का दर्शन', 'महात्मा गांधी का दर्शन' और 'स्वामी विवेकानंद का दर्शन' भी शामिल हैं.
इसके अलावा, कुलपति ने दर्शनशास्त्र विभाग के प्रमुख से अनुरोध किया की सावित्रीबाई फुले को पाठ्यक्रम में शामिल करने की संभावनाओं को भी तलाशा जाए. कुलपति ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्र विभाग के प्रमुख को बी आर अम्बेडकर के आर्थिक विचारों पर भी एक पेपर तैयार करने की सलाह दी. उन्होने अर्थशास्त्र में इंडियन इकोनॉमिक मॉडल, यूएस मॉडल और यूरोपियन मॉडल आदि भी पढ़ाने की भी सलाह दी. कुलपति ने इकबाल को लेकर कहा कि इकबाल ने 'मुस्लिम लीग' और 'पाकिस्तान आंदोलन' को समर्थन करने वाले गीत लिखे. भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इक़बाल ने ही उठाया था. ऐसे व्यक्तियों को पढ़ाने की बजाए हमें अपने राष्ट्र नायकों को पढ़ना चाहिए.