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अनाधिकृत कॉलोनी फिर बना मुद्दा, शर्मिष्ठा बोलीं- केजरीवाल-मोदी सरकार को नहीं काम का अनुभव

नई दिल्ली: राजधानी में अनऑथराइज्ड कॉलोनियां हमेशा से ही सियासत का एक महत्वपूर्ण मुद्दा रही हैं. शीला दीक्षित के 15 साल के शासनकाल में कई बार इसे लेकर आंदोलन भी हुए. अरविंद केजरीवाल ने भी अपने शुरुआती चुनाव प्रचार में इसे मुद्दा बनाया था. अब कांग्रेस फिर से इसे उछाल रही है.

शर्मिष्ठा मुखर्जी

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Published : Feb 9, 2019, 9:09 PM IST

इन दिनों अरविंद केजरीवाल दिल्ली की अनऑथराइज्ड कॉलोनियों में विकास कार्यों का खूब उद्घाटन-शिलान्यास कर रहे हैं. सीवर से लेकर पीने के पानी तक की व्यवस्था सुधारी जा रही है, लेकिन अनऑथराइज्ड कॉलोनियों में जो मुख्य काम होना चाहिए, वही नहीं हो रहा है. इनके रेगुलराइजेशन की कोई प्रक्रिया इन दिनों चर्चा में नहीं है.

कांग्रेस मुद्दे को उछाल रही!
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने का एक मुख्य रास्ता अनऑथराइज्ड कॉलोनियों से होकर आया था. यहां के मतदाताओं को रेगुलराइजेशन का सपना दिखाया गया था, लेकिन अभी उसे लेकर हर जगह चुप्पी है और इसी चुप्पी में कांग्रेस अब धीरे धीरे इस मुद्दे को उछाल रही है.

शर्मिष्ठा मुखर्जी

केजरीवाल सरकार आगे नहीं बढ़ा सकी
दिल्ली कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इसे लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार, दोनों को आड़े हाथों लिया है. शर्मिष्ठा मुखर्जी का कहना है कि दोनों सरकारें इस मुद्दे पर ब्लेम गेम खेल रही हैं. उन्होंने इसके लिए कांग्रेस की ओर से उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए कहा कि शीला जी के समय कांग्रेस ने 828 अनऑथराइज्ड कॉलोनियों के रेगुलराइजेशन की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन केजरीवाल सरकार उसे आगे नहीं बढ़ा सकी.


गौरतलब है कि अनऑथराइज्ड कॉलोनियों को लेकर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से डाटा मांगा था लेकिन केजरीवाल सरकार उसके लिए अभी समय मांग रही है. कांग्रेस का इस मुद्दे पर अब सक्रिय होना दिखाता है कि हर चुनावों से ऐन पहले चर्चा में आने वाला अनऑथराइज्ड कॉलोनियों का मुद्दा फिर नए सिरे से सर उठा रहा है.

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