नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति स्वाति मालीवाल ने भारतीय राष्ट्रीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा (Former cricketer Anjum Chopra) की शिकायत पर रियल एस्टेट कंपनी शिप्रा एस्टेट लिमिटेड (Shipra Estate Limited) को समन जारी किया है. चोपड़ा ने आयोग में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने बताया कि 2006 में इंदिरापुरम गाजियाबाद में मैसर्स शिप्रा एस्टेट लिमिटेड की एक परियोजना में एक फ्लैट बुक किया था और 2013 तक कुल निवेश का लगभग 60 फीसदी भुगतान कर दिया था, लेकिन संपत्ति नहीं सौंपी गई.
कंपनी की अत्यधिक देरी के कारण 2020 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें निर्णय लिया गया कि कंपनी उनके पैसे वापस कर देगी. उन्होंने बताया कि उक्त समझौता के तहत समझौते के ढाई महीने के भीतर राशि वापस की जानी थी. लेकिन दो वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अब तक उनका बकाया नहीं मिला है.
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इस संबंध में आयोग ने कंपनी को नोटिस जारी कर मामले में उनका जवाब मांगा. कंपनी ने आयोग को सूचित किया कि शेष भुगतान शिकायतकर्ता को 6 महीने के भीतर कर दिया जाएगा. आयोग ने तब उन्हें पूर्ण और अंतिम भुगतान करने के लिए 6 महीने का समय दिया. हालांकि, आयोग यह देखकर हैरान है कि आज तक कंपनी ने फिर से देय का भुगतान नहीं किया है. अंजुम चोपड़ा ने आरोप लगाया है कि उनका फ्लैट पहले ही किसी अन्य खरीदार को बेच दिया गया है, और अभी तक उन्हें उनका लंबित बकाया नहीं मिला है.
दिल्ली महिला आयोग ने जारी किया समन. भुगतान के चेक की मांगी प्रतिःअब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने रियल एस्टेट कंपनी से पूछा है कि उन्होंने चोपड़ा के प्रति की गई अपनी प्रतिबद्धता को क्यों नहीं निभाया. साथ ही कंपनी से अंजुम चोपड़ा को उनके बकाये का भुगतान करने के लिए दिए गए चेक की एक प्रति मांगी है. आयोग ने कंपनी से आयोग के सामने किए गए वादे को पूरा नहीं करने के लिए जिम्मेदार कर्मचारियों और उनके खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा भी मांगा है.
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9 दिसंबर तक मांगा जवाबःआयोग ने कंपनी के प्रबंध निदेशक को 9 दिसंबर को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर कार्रवाई रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने की स्थिति में आयोग मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा.
मालीवाल ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि क्रिकेट टीम की एक पूर्व कप्तान जिसने राष्ट्र के लिए अपनी सेवाएं दी हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत को गौरवान्वित किया है, को एक निजी कंपनी परेशान कर रही है. वह अपना बकाया चुकाने के लिए मदद मांगने को मजबूर हैं. उन्हें सालों से झूठा आश्वासन दिया जा रहा है और अब तो कंपनी ने आयोग के सामने किए गए अपने वादे को भी पूरा नहीं किया है. हमने कंपनी को समन जारी किया है और मामले में अंजुम चोपड़ा जी को हर संभव मदद सुनिश्चित करेंगे.