नई दिल्ली: रिटायर्ड शिक्षकों के री एंप्लॉयमेंट को दिल्ली शिक्षा निदेशालय की ओर से तत्काल प्रभाव से खत्म करने को लेकर जारी किए गए नोटिस का जहां एक ओर स्वागत किया गया है. वहीं दूसरी ओर इस तरह अचानक से शिक्षकों को नौकरी पर आने की मनाही कर देने पर विरोध भी जताया जा रहा है.
इसको लेकर जीएसटीए सहित अतिथि शिक्षकों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलेंगे. वहीं जीएसटीए ने कहा कि अगर ये आदेश सत्र की शुरुआत में लागू होता, तो इस तरह अचानक से शिक्षकों को नौकरी से नहीं हटाना पड़ता. इस तरह अचानक से नौकरी पर ना आने के लिए कह देना, कहीं ना कहीं इन शिक्षकों के आत्मसम्मान पर चोट है.
री एंप्लॉयमेंट खत्म होने के आदेश पर मिली जुली प्रतिक्रिया
वहीं सेवानिवृत्त शिक्षकों के री एंप्लॉयमेंट ना किए जाने को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किए गए सर्कुलर पर मिली जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है. वहीं इसको लेकर जीएसटीए के सदस्य सतीश का कहना है कि अगर सकारात्मक तौर पर देखा जाए, तो ये फैसला सराहनीय है. इससे युवा वर्ग को रोजगार के अवसर मिलेंगे, नई नौकरियां निकलेंगी लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है.
वहीं अपने जीवन भर के अनुभवों को संजोए जो शिक्षक एक्सटेंशन लेकर अभी कार्य कर रहे हैं. एकदम से उन्हें नौकरी पर न आने के लिए कह देना उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाना है.
शिक्षकों को तत्काल हटाने का आदेश शिक्षकों का अपमान है
वहीं जीएसटीए डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए के सेक्रेटरी संतराम ने कहा कि जिन शिक्षकों ने इतने सालों तक सरकार के संस्थानों में अपनी सेवा दी. उनसे तत्काल चले जाने के लिए कहना उनका अपमान करना है.