नई दिल्ली:भारतीय रिजर्व बैंक ने जनता को प्रिंट मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया मंच पर कर्ज माफी की पेशकश से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों को लेकर आगाह किया है. रिजर्व बैंक का कहना है कि प्रिंट और सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा कर्ज माफी अभियान गैर कानूनी है. ऐसे कर्ज माफी वाले अभियान ग्राहकों को भ्रमित कर रहे हैं. और इनसे बैंकों को भी नुकसान हो रहा है. वॉयस ऑफ बैंकिंग ने भारतीय रिजर्व बैंक के इस बयान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि क्या रिजर्व बैंक लोगों को लोन माफ करवाने वाले विज्ञापनों से सिर्फ सावधान रहने की चेतावनी देकर अपनी जिम्मेदारी से बच सकता है?
RBI ने दी लोन माफ करवाने वाले विज्ञापनों से सावधान रहने की चेतावनी, वॉयस ऑफ बैंकिंग ने उठाये सवाल
Voice of Banking raised questions against RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को यह जानकारी मिली है कि देशभर में लोगों को लोन माफ करवाने के मेसेज मिल रहे हैं. इसे लेकर RBI ने एक चेतावनी भी जारी की है. जिस पर वॉयस ऑफ बैंकिंग ने सवाल उठाते हुए RBI से कई अहम सवाल पूछे हैं जानिए...
Published : Dec 13, 2023, 3:04 PM IST
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा ने बताया कि बैंक पहले से ही लोन की रिकवरी के लिए कुछ एजेंसियों को रखता है. रिजर्व बैंक को रिकवरी के काम में लगी एजेंसियों को अपने पास रजिस्टर करना चाहिए और बैंक इन एजेंसियों से अपना काम करवायें. और यदि फिर भी कोई अनरजिस्टर एजेंसी किसी प्रकार का भ्रामक विज्ञापन देती हैं तो रिजर्व बैंक उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई कर सकता है.
अशवनी ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक को राजनीतिक पार्टियों को भी लोन माफी के वादे करने से रोकना चाहिए और इलेक्शन कमीशन को भी इसके लिए कहना चाहिए. क्योंकि जैसे ही चुनाव आने लगते हैं ज्यादातर लोग कर्ज की किस्त चुकाना बन्द कर देते हैं. उन्हें लगता है हमारे कर्ज माफ हो जाएगा. इससे बैंकों के कर्ज रिकवरी के अभियान को भी नुकसान होता है.