नई दिल्ली : वेतन व कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन (एआईएफपीएसडीएफ) के बैनर तले राशन डीलरों ने दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में देश के अलग-अलग राज्यों से राशन डीलर पहुंचे. उनकी मुख्य मांग है कि केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त किए गए तीसरे पक्ष वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सिफारिशों को लागू करने के लिए 764 प्रति क्विंटल न्यूनतम मार्जिन में दिया जाए. साथ ही कार्ड धारकों के उत्पीड़न को कम करने के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. राज्यमंत्री उपभोक्ता खाद्य मामले और सार्वजनिक विवरण विभाग ने कहा था कि आधार संख्या को सम्मिलित करके आईपीओएस के माध्यम से विवरण की अनुमति आपात स्थिति में प्रभावित कार्ड धारकों को देनी चाहिए.
डीलरों ने कहा कि सभी के लिए भोजन उपलब्ध कराने को लेकर बंगाल राशन मॉडल पूरे देश में लागू किया जाए. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोरोना के समय भी राशन डीलरों ने कार्य किया, लेकिन सरकार उन्हें कोई भी मुआवजा नहीं दे रही है. उन्हें भी कोरोना योद्धा माना जाए.
वहीं, प्रदर्शन में शामिल हुए बिहार पीडीएस डीलर एसोसिएशन के सदस्य वीरेंद्र पांडे ने बताया कि वह बिहार के बक्सर जिले से आए हैं. उन्होंने कहा कि राशन डीलरों को सरकार की तरफ से कुछ नहीं दिया जा रहा है. उनकी मांग है कि 50,000 रुपए से अधिक वेतन हम लोगों को दिया जाए. हम लोग सबके घरों में खाना पहुंचाते हैं, लेकिन हमारे घर में खाना नहीं है. एक अन्य राशन डीलर ने बताया कि हम लोगों ने कोरोना के दौरान घर-घर राशन पहुंचाया, लेकिन हमारे घर के लोग भूखे मर रहे हैं. हमें जो कमीशन दिया जा रहा है उसे बढ़ाया जाए. पहले हमको 70 पैसे कमीशन मिल रहा था. पिछले अप्रैल से 90 पैसे हुआ है. इसमें हमारे घर का गुजारा कैसे होगा. बता दें कि इस प्रदर्शन में बंगाल, राजस्थान, गुजरात, असम, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ केरल, महाराष्ट्र, तेलंगाना समेत विभिन्न राज्यों के राशन डीलर शामिल हुए.
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देश के अलग-अलग राज्यों से पहुंचे राशन डीलरों की मुख्य मांगें
1.पहली मांग पुरानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत खाद आरती आपूर्ति पहले की तरह जारी रखी जाए.
2. राशन डीलरों को 50,000 रुपए की न्यूनतम मासिक आय, गारंटी मात्र मानदेय के रूप में सुनिश्चित किया जाए.
3. केंद्र सरकार की तरफ से नियुक्त किए गए तीसरे पक्ष वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सिफारिशों को लागू करने के लिए 764 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम मार्जिन देना होगा.
4. कार्ड धारकों के उत्पीड़न को कम करने के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था जैसा कि राज्यमंत्री उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा कहा गया है. आधार संख्या को सम्मिलित करके ईपीओएस के माध्यम से विवरण की अनुमति आपात स्थिति में प्रभावित कार्ड धारकों को देनी चाहिए.
5. चावल गेहूं और चीनी के लिए परिचालन नुकसान हैंडलिंग लॉस कम से कम एक किलो प्रति कुंटल की अनुमति दी जानी चाहिए.
6. जूट के बोरों में खाद्यान्न की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए.
7. ग्रामीण क्षेत्रों के उचित मूल्य दुकान के डीलरों को चावल और गेहूं के लिए प्रत्यक्ष खरीद, एजेंट डीपीए के रूप में कार्य करने की अनुमति देनी होगी.
8. खाद्य तेल, दालें और चीनी की आपूर्ति उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से की जानी चाहिए, ताकि खुले बाजार में इसकी बढ़ती कीमतों को रोका जा सके और साथ ही साथ संबंधित किसानों को भी बढ़ावा दिया जा सके.
9. पश्चिम बंगाल राशन मॉडल सभी भारतीय नागरिकों को राशन का विवरण अर्थात सभी के लिए भोजन पूरे देश में लागू किया जाए.
10. पूर्णा पीड़ित डीलरों के लिए मुआवजे का भुगतान राजस्थान राज्य द्वारा प्रदान किए गए 50 लाख रुपये के अनुसार किया जाना चाहिए.
11. एनएफएसए में प्रावधान के अनुसार मार्जिन का अग्रिम भुगतान तुरंत सुनिश्चित किया जाना चाहिए और सभी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सभी दे मार्जिन की तुरंत प्रतिपूर्ति की जानी चाहिए.
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