नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली विधानसभा सत्र के चौथे दिन सदन में कानून व्यवस्था और नशे का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि नशा का मुद्दा दिल्ली के लिए बेहद गंभीर मामला है. दिल्ली में नशा का कारोबार तेजी से फैल रहा है. यहां के युवा नशे की गिरफ्त में तेजी से आ रहे हैं. पंजाब में नशा का कारोबार चलता था. वहां की जनता ने नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए ईमानदार आम आदमी पार्टी की सरकार बनाई. वहां अब बदलाव देखने को मिल रहा है. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन यहां लॉ एंड ऑर्डर एलजी विनय कुमार सक्सेना के हाथों में है. इसलिए यहां की स्थिति दूसरी है. अफसोस की बात है कि दिल्ली की जनता एलजी को नहीं हटा सकती है. जिसके चलते दिल्ली के कोने कोने में आसानी से ड्रग्स, गांजा, चरस बिक रहा है.
एम्स की सर्वे रिपोर्ट के बारे में दी जानकारीःगौतम ने कहा कि एम्स ने दिल्ली के 46 हजार 410 बच्चों पर सर्वे किया. सर्वे में यह निकलकर सामने आया कि 91.14 स्ट्रीट चिल्ड्रन नशे की चपेट में है. नशा आसानी से उपलब्ध हो रहा है. उन्होंने कहा कि मुझे सदन को बताते हुए काफी दुख हो रहा है कि नशे के कारोबार के संबंध में मैंने पुलिस और पुलिस कमिश्नर को भी पत्र लिखा, एलजी से मिला. एलजी ने भरोसा दिलाया था कि अब ऐसा नहीं होगा, लेकिन दिल्ली में नशे का कारोबार बंद नहीं हुआ है बल्कि और ज्यादा बढ़ ही रहा है. उन्होंने कहा की सदन के माध्यम से यह बात गृह मंत्रालय तक जाना चाहिए कि जब हमने पुलिस, एलजी के संज्ञान में यह बात रखी है तो नशा बंद क्यों नहीं हो रहा है. दिल्ली के सभी पार्कों में जहां लोग घूमने के लिए जाते हैं वहां छोटे-छोटे बच्चे स्मैक, गांजा ले रहा है.