दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से है दिल्ली को आस, जानें प्राथमिकता में हो सकते हैं कौन से प्रोजेक्ट

आईएएस अधिकारी से पहले उद्यमी और फिर राजनीति में पहुंचकर रेल मंत्री बने अश्विनी वैष्णव ( Ashwini Vaishnav) पर सबकी नजर है. रेलवे जैसा बड़ा मंत्रालय जाहिर है कि बड़ी जिम्मेदारियों के साथ मिला है. उसमें भी कई बड़े प्रोजेक्ट और काम हैं जो नवनियुक्त रेल मंत्री की प्राथमिकता हो सकते हैं. राजधानी दिल्ली के लिहाज से ये काम और अधिक महत्वपूर्ण हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रोजेक्ट्स और संभावित फैसले.

By

Published : Jul 9, 2021, 9:00 PM IST

New Rail Minister Ashwini Vaishnaw in Action
अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली:रेलमंत्री का कार्यभार संभालते ही अश्विनी वैष्णव ( Ashwini Vaishnav) एक्शन में आ गए हैं. सबसे पहले उन्होंने अपने कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों को दो शिफ्ट में काम करने का आदेश दिया है. कार्यभार संभालते ही उन्होंने दिल्ली रेल मंडल प्रबंधक कार्यालय स्थित सेंट्रल कंट्रोल रूम को देखने की इच्छा जताई थी. हालांकि किन्ही वजहों से ये मुमकिन नहीं हो सका. इसके बाद अब उनके हर कदम पर न सिर्फ रेल कर्मचारियों की, बल्कि आम लोगों की भी निगाहें टिकी हैं.

रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा New Delhi Railway Station को री-डेवलप करने का प्लान इसमें एक अहम प्रोजेक्ट है. देश के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में शुमार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाकर रेलवे इसे विकास के उदाहरण के तौर पर भी दिखाना चाहती है. प्रोजेक्ट को लेकर टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है. नए रेल मंत्री से इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा कराकर देश को रेलवे का एक ऐसा प्रोजेक्ट सौंपना होगा जो मिसाल बन सकेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. कुल 865 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में वाराणसी से दिल्ली तक कुल 12 स्टेशन होंगे. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से जुड़ने के चलते इसकी अहमियत और अधिक बढ़ जाती है. कोरोना महामारी के चलते प्रोजेक्ट पहले प्रभावित हुआ है लेकिन अब इसे समय से पूरा करना होगा.

ट्रैक दोहरीकरण और इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ समयबद्धता पर ध्यान देना मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है. बीते समय में इसमें सुधार भी आया है. अश्विनी वैष्णव को इस संबंध में ध्यान देना होगा. इतना ही नहीं, रेलयात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से भी रेलवे ने बीते सालों में बेहतर काम का दावा किया है. सुरक्षा और खासकर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मंत्रीजी को बेहतर प्लानिंग और एक्शन की ज़रूरत होगी.

ये भी पढ़ें-रेल मंत्री का देश को आश्वासन, रेलवे भारत की सम्पत्ति, नहीं होगा निजीकरण


रेल किराया हमेशा से एक मुद्दा रहा है. बीती समय में सरकारों ने यात्रियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए किराए पर सबसे अधिक ध्यान दिया है ताकि रेल आम यात्री की रेल बनी रहे. कोरोना काल में स्पेशल रेलगाड़ियों के संचालन से जहां किराए में बढ़ोतरी हुई है तो वहीं अब तक पहले की तरह रेल परिचालन सामान्य नहीं हो पाया है. यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए रेल मंत्री से इस दिशा में फैसला लेने की उम्मीद होगी.

ये भी पढ़ें-ट्विटर को नए आईटी मंत्री की खरी-खरी, करना होगा नियमों का पालन


रेलवे में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना कई लिहाज से बेहतर कदम हो सकता है. लेकिन मौजूदा समय में रेल कर्मचारियों के बीच 'रेल बेचने की प्लानिंग' को लेकर तमाम बातें चल रही है. कर्मचारियों के बीच रेल के विकास और कर्मचारियों के फायदे को लेकर विश्वास पैदा करना रेलमंत्री की प्राथमिकता हो सकती है. इससे अलग, दिल्ली के छोरों पर टर्मिनल, माल लदान में हो रही कमाई में बढ़ोतरी और पैसेंजर रेलगाड़ियों के भविष्य को लेकर भी रेलमंत्री को जल्दी फैसले लेने होंगे. इन फैसलों से सीधे तौर पर यात्री प्रभावित होंगे.

ये भी पढ़ें-गंदगी देख अधिकारियों पर भड़के रेलमंत्री, कहा- ये कबूतर खाना क्यों बना रखा है

ABOUT THE AUTHOR

...view details