नई दिल्ली:रेलमंत्री का कार्यभार संभालते ही अश्विनी वैष्णव ( Ashwini Vaishnav) एक्शन में आ गए हैं. सबसे पहले उन्होंने अपने कार्यालय में अधिकारियों और कर्मचारियों को दो शिफ्ट में काम करने का आदेश दिया है. कार्यभार संभालते ही उन्होंने दिल्ली रेल मंडल प्रबंधक कार्यालय स्थित सेंट्रल कंट्रोल रूम को देखने की इच्छा जताई थी. हालांकि किन्ही वजहों से ये मुमकिन नहीं हो सका. इसके बाद अब उनके हर कदम पर न सिर्फ रेल कर्मचारियों की, बल्कि आम लोगों की भी निगाहें टिकी हैं.
रेल लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा New Delhi Railway Station को री-डेवलप करने का प्लान इसमें एक अहम प्रोजेक्ट है. देश के सबसे बड़े रेलवे स्टेशनों में शुमार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाकर रेलवे इसे विकास के उदाहरण के तौर पर भी दिखाना चाहती है. प्रोजेक्ट को लेकर टेंडर प्रक्रिया पहले ही शुरू की जा चुकी है. नए रेल मंत्री से इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा कराकर देश को रेलवे का एक ऐसा प्रोजेक्ट सौंपना होगा जो मिसाल बन सकेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल कॉरिडोर इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. कुल 865 किलोमीटर के इस कॉरिडोर में वाराणसी से दिल्ली तक कुल 12 स्टेशन होंगे. प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से जुड़ने के चलते इसकी अहमियत और अधिक बढ़ जाती है. कोरोना महामारी के चलते प्रोजेक्ट पहले प्रभावित हुआ है लेकिन अब इसे समय से पूरा करना होगा.
ट्रैक दोहरीकरण और इलेक्ट्रिफिकेशन के साथ समयबद्धता पर ध्यान देना मोदी सरकार की प्राथमिकता रही है. बीते समय में इसमें सुधार भी आया है. अश्विनी वैष्णव को इस संबंध में ध्यान देना होगा. इतना ही नहीं, रेलयात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से भी रेलवे ने बीते सालों में बेहतर काम का दावा किया है. सुरक्षा और खासकर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मंत्रीजी को बेहतर प्लानिंग और एक्शन की ज़रूरत होगी.
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