नई दिल्ली :साहित्य अकादमी की ओर से दिल्ली में (Sahitya Akademi in Delhi)आयोजित किए गए ‘पुस्तकायन’ पुस्तक मेला समाप्त (book fair concludes) हो गया. आठ दिन चले इस मेले की थीम इस बार बाल साहित्य पर केंद्रित थी. प्रत्येक दिन बाल लेखकों से संवाद, बाल साहित्य के विभिन्न पक्षों पर चर्चा, बाल रचना-पाठ, पुस्तक लोकार्पण एवं विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. अपने प्रिय लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों के बच्चों को प्रत्येक दिन प्रख्यात बाल साहित्यकारों बालस्वरूप राही, दिविक रमेश, क्षमा शर्मा, कमलजीत नीलों, पारो आनंद एवं आज प्रख्यात उर्दू लेखक असद रज़ा से मिलने और उन्हें सुनने का अवसर मिला.
डायरी में लिखने की आदत डालें तो बन सकते हैं लेखक :असद रज़ा ने बच्चों को अपनी कहानी ‘नन्हे मुन्नों की सरकार’ सुनाई और बच्चों को यह भी बताया कि एक लेखक बनने के लिए क्या-क्या तैयारी करनी होती है. उन्होंने कहा कि बच्चे अगर अपनी रोज़मर्रा की बातों को डायरी में लिखने की आदत डाल लें तो वे धीरे-धीरे एक अच्छा लेखक बन सकते हैं. उन्होंने उपस्थित बच्चों के प्रश्नों का उत्तर भी दिए. बाल साहिती कार्यक्रम में प्रख्यात बाल साहित्यकार योगेंद्रदत्त शर्मा की अध्यक्षता में दिशा ग्रोवर, घमंडी लाल अग्रवाल, ऋषि राज, सूर्यनाथ सिंह, वेदमित्र शुक्ल और वेलु सरवणन ने अपनी-अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं. सबसे पहले सूर्यनाथ सिंह ने ‘भुलई काका’ कहानी सुनाई जो भुलई नाम के एक पात्र पर केंद्रित थी और वे शाम होते ही भूल जाने की आदत से परेशान थे. इस भुलक्कड़पन से कई ऐसी रोचक स्थितियां पैदा हुईं जिनके बारे में बच्चों को सुनकर बहुत आनंद आया. दिशा ग्रोवर, वेदमित्र शुक्ल, घमंडी लाल अग्रवाल और योगेंद्रदत्त शर्मा ने विभिन्न विषयों पर मनोरंजक कविताएं बच्चों को सुनाईं. वेदमित्र शुक्ल की नागारानी गाइदिनल्यू पर केंद्रित कविता का पाठ किया, जिसे बच्चों ने बहुत पसंद किया.