नई दिल्ली:पराली के चलते हर बार पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana)जैसे राज्यों को दिल्ली में बढ़े प्रदूषण (Pollution) स्तर के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है. हालांकि इस बार ये संभावना कम है. वजह है बायो-डीकंपोजर घोल (Bio-Decomposer Solution), जिसे दिल्ली सरकार पराली का समाधान बता रही है. पूसा इस्टीट्यूट (Pusa Institute)के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड डॉ. सुनील पब्बी (Dr. Sunil Pabbi) ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया है कि दोनों ही राज्यों ने घोल में अपनी दिलचस्पी दिखाते हुए इंस्टिट्यूट से इसकी डिमांड की है.
पूसा इंस्टिट्यूट (Pusa Institute) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के हेड डॉ. सुनील पब्बी (Dr. Sunil Pabbi)के मुताबिक हरियाणा (Haryana)ने करीब एक लाख एकड़ के लिए इसकी मांग की है, जिसके संबंध में प्रक्रिया चल रही है. वहीं पंजाब (Punjab)में इसे तीन हजार एकड़ तक फैलाने की कोशिश चल रही है. पब्बी ने बताया कि बायो-डीकंपोजर घोल (Bio-Decomposer Solution)को बनाने के लिए 11 निजी कंपनियों को लाइसेंस दिया गया है. ऐसे में किसान अपने स्तर पर या सरकारें यहां से भी इन्हें खरीद सकती हैं.
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