नई दिल्ली: बस्ती हज़रत निजामुद्दीन औलिया की महिलाएं ओखला के शाहीन बाग की ही तरह NRC, CAA और NPR का विरोध कर रही हैं. यहां पर सैकड़ों की संख्या में विरोध-प्रदर्शन के लिए एकजुट हो कर सरकार के खिलाफ नारेबाज़ी कर रही हैं.
सड़कों पर महिलाएं
इस मौके पर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए समाजसेवी खतीजा फातमा ने कहा कि देश की महिलाएं शुरू से ही संविधान पर विश्वास करती हैं इसीलिए यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही है, और यही महिलाएं देश में एकता और कानून को बचाने के लिए सड़कों पर उतर रही हैं.
उन्होंने कहा कि हमारे देश को ऐसे कानून की जरूरत नहीं है. हमारे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इस पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यह कानून सिर्फ धर्म की बुनियाद पर भेदभाव करने वाला है. खतीजा का यह भी कहना था कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट के जरिए हमारी बात सुनी जाएगी और इस कानून में बदलाव के लिए सरकार को आदेश दिया जाएगा.
मुस्लिम महिलाओं का भी अहम रोल
सामाजिक कार्यकर्ता सविता ने कहा कि जो हमारी हजारों साल पुरानी गंगा जमुनी तहजीब है वह आगे भी कायम रहे. हम यह चाहते हैं नफरत को ना फैलाया जाए. उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई तो सब ने मिलजुल कर लड़ी थी तब तो हिंदू-मुस्लिम कुछ नहीं था.