नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की बैठक में गुरुवार को पार्षदों को लेकर अहम फैसला लिया गया. इसमें प्रस्ताव पास किया गया कि पार्षदों को निगम की एक बैठक में शामिल होने के लिए 25 हजार रुपये भत्ता दिया जाएगा. इससे पहले एक बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें भत्ते के रूप में 300 रुपये मिलते थे. मेयर शैली ओबरॉय ने यह जानकारी दी.
इसलिए किया गया इजाफा: उन्होंने बताया कि डीएमसी एक्ट 1957 के अनुसार, हम किसी भी पार्षदों को सैलरी नहीं दे सकते हैं, इसलिए पार्षदों को अलाउंस के तौर पर खर्च दिया जाता है. पार्षदों की शिकायत रहती थी कि उनके ऑफिस में स्टॉफ एवं अन्य खर्च होते हैं, जिनके लिए 300 रुपये ना के बराबर हैं. इसी को देखते हुए उनके भत्ते को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. गुरुवार को एमसीडी सदन में इस प्रस्ताव को पास किया गया है. जल्द इसे दिल्ली सरकार और एलजी के पास भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव के पास होने के बाद सभी पार्षदों को भत्ते के तौर पर 25 हजार रुपये दिए जाएंगे, ताकि वह अपने क्षेत्र की जनता का काम आसानी से कर सकें.
भत्ते में बढ़ोत्तरी का ये होगा फायदा:मेयर शैली ओबरॉय ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस प्रस्ताव को आगे भी पास किया जाएगा. इससे दिल्ली के सभी पार्षद जनता के लिए विकास कार्य बिना किसी परेशानी के कर सकेंगे. गौरतलब है कि तीन नगर निगमों के एकीकरण के बाद अब दिल्ली में कुल 250 पार्षद हैं.
दिल्ली बीजेपी ने साधा निशाना: वहीं भत्ते में इजाफे को लेकर दिल्ली बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है. दिल्ली बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि बीजेपी के विरोध के बावजूद रक्षाबंधन के त्योहार पर मेयर ने सदन को बुलाया गया और बीजेपी पार्षदों की गैर मौजूदगी में इस प्रस्ताव को पास कर दिया गया. रक्षाबंधन के त्योहार की वजह से बीजेपी के पार्षदों ने पहले ही सदन की बैठक का बहिष्कार किया था. इस दौरान पूरे आप पार्षद भी नहीं मौजूद थे.