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एम्स में विश्व अल्जाइमर दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन, जानिए इसके बारे में सबकुछ - World Alzheimer's Day

21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस के रूप में मनाया जाता है. अल्जाइमर के बारे में एम्स की सीनियर डॉक्टर मंजनी त्रिपाठी का मानना है कि आज भारत के लगभग हर घर के बुजुर्ग अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित हैं.

एम्स विश्व अल्जाइमर दिवस ETV BHARAT

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Published : Sep 22, 2019, 2:38 PM IST

नई दिल्ली: अगर आपके घर के बुजुर्ग छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगे या फिर चिल्लाने लगे या चिढ़ाने लगे, तो समझ जाइए कि उनको अल्जाइमर नाम की बीमारी है. और आप उन्हें प्यार से समझाइए. 21 सितंबर को विश्व अल्जाइमर दिवस के रूप में मनाया जाता है.

अल्जाइमर के बारे में एम्स के सीनियर डॉक्टर मंजनी त्रिपाठी का मानना है कि आज भारत के लगभग हर घर के बुजुर्ग अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित हैं.

एम्स में विश्व अल्जाइमर दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन

डॉक्टरी इलाज से ज्यादा जरूरी है देखभाल
अल्जाइमर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज दवाओं से ज्यादा देखभाल से किया जा सकता है. विश्व अल्जाइमर दिवस के मौके पर एम्स के डॉक्टर ने बताया कि ये बीमारी भारत के लगभग हर एक घर में है. ऐसे मरीज छोटी सी बात पर गुस्सा करने लगते हैं. शोर मचाने लगते हैं.

ऐसी स्थिति में घर के लोगों को चाहिए कि उनकी अच्छी तरीके से देखभाल करें. जिस तरह छोटे बच्चे का देखभाल किया जाता है. ठीक उसी तरह बुजुर्ग की भी देखभाल करना चाहिए.

पिछले 5 सालों में ये बीमारी दुगनी हो गई
अल्जाइमर दिवस के मौके पर डॉक्टरों ने बताया कि भारत में इसके मरीज लगभग हर घर में हैं और पिछले 5 सालों में ये बीमारी दुगनी हो गई है. और इस बीमारी की मुख्य वजह है प्रदूषण. खानपान में सही संतुलन का ना होना.

साथ ही सिगरेट और शराब के कारण इस बीमारी के होने के चांस ज्यादा रहते हैं. एम्स के डॉक्टर ने बताया मौजूदा समय में दिल्ली का प्रदूषण लेवल जिस हिसाब से बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में इस बीमारी को बढ़ने में काफी मदद मिलती है.

दिल्ली में एल्जाइमर के बहुत से मरीज
दिल्ली मैं काफी बुजुर्ग ऐसे हैं. जो घरों में अकेले रहते हैं. उनके बच्चे विदेश चले गए हैं और ऐसी स्थिति में मरीज की बीमारी और बढ़ने लगती है. क्योंकि इस बीमारी में डॉक्टरी इलाज से ज्यादा जरूरी है उनकी देखभाल करना.

लोगों को जागरूक करना जरूरी
अल्जाइमर दिवस के मौके पर डॉक्टरों ने इस बीमारी को लेकर लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक होने की बात कही है साथ ही बताया कि अगर कहीं पर किसी मरीज को ऐसी दिक्कत आ रही है, तो उसका इलाज करवाना चाहिए और उनकी ठीक तरीके से देखभाल करनी चाहिए जिससे लोगों में जागरूकता बड़े और इस बीमारी को खत्म किया जा सके.

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