नई दिल्ली:दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का इस बार का चुनावी परिणाम काफी दिलचस्प रहा है. एक तरफ जहां शिरोमणि अकाली दल बादल खेमे ने एक बार फिर जीत दर्ज कर ली है तो वहीं दूसरी तरफ विरोधी पार्टियों का दावा है कि दिल्ली की संगत ने उन्हें नकार दिया है. वोट प्रतिशत, सीटों में हुई गिरावट और प्रधान के ही अपनी सीट हार जाने के बाद यह दावे किए जा रहे हैं. हालांकि अब जबकि चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न हो गई है, तब कमेटी में आने वाले 9 नॉमिनेटेड सदस्यों और प्रधान के चुनाव पर सबकी निगाहें हैं.
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में 9 नॉमिनेटेड सदस्य होते हैं. 46 चुने हुए प्रतिनिधियों से अलग यह संख्या मिलाकर दिल्ली कमेटी में कुल 55 सदस्य होंगे, जो आने वाले दिनों में हर फैसले के लिए ज़िम्मेदार होंगे. दिल्ली सिख गुरुद्वारा एक्ट 1971 के अंतर्गत कमेटी के आम चुनावों के परिणाम आने के 15 दिनों के भीतर इन 9 सदस्यों को नामजद करने की प्रक्रिया पूरी करनी होती है. मनजिंदर सिंह सिरसा को नॉमिनेट किए जाने के बाद अब 8 सदस्यों की गिनती बची है.
बादल गुट ने लहराया तीसरी बार परचम
दिल्ली गुरुद्वारा चुनाव निदेशक ही इन सदस्यों के चयन की प्रक्रिया को पूरा कराएंगे. इसमें सबसे पहले 4 प्रतिनिधि, श्री अकाल तख्त श्री अमृतसर साहिब, तख्त श्री केशगढ़ साहिब श्री आनंदपुर साहिब, तख्त श्री हरमंदिर साहिब पटना बिहार और तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ के जत्थेदार साहिबानों को नामजद किया जाएगा. गौर करने वाली बात है कि कमेटी के इन चारों सदस्यों को वोट देने का अधिकार नहीं होता.