नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने में केंद्र सरकार और उसके बाद दिल्ली सरकार की भूमिका है. केंद्र सरकार के निर्देश पर दिल्ली सरकार ने इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी है. इससे ठीक पहले अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर बीजेपी में गुटबाजी उभरकर सामने आई है.
अनधिकृत कॉलोनियों की सियासत नई नहीं है. सियासत 70 के दशक से चली आ रही है. सच तो ये है कि यह कॉलोनियां हर राजनीतिक पार्टी के लिए बड़ा वोट बैंक है. चाहे दिल्ली सरकार हो या नगर निगम, वहां की सत्ता तक पहुंचने का रास्ता अनधिकृत कॉलोनियों से होकर ही गुजरता है. इसीलिए इन कॉलोनियों को नियमित करने की राजनीति तो सभी करते हैं मगर हकीकत में नियमित करना भी कोई नहीं चाहता.
बीजेपी में गुटबाजी तेज!
इस बार केंद्र सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के बाद जब दिल्ली सरकार ने इस पर पहल शुरू की तो अब श्रेय लेने की होड़ में विपक्ष में बैठी बीजेपी में तेज गुटबाजी होने लगी है. इस मुद्दे पर ही प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद विजय गोयल अनधिकृत कॉलोनियों को लेकर एक सम्मेलन करने की तैयारी कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रदेश बीजेपी के वर्तमान अध्यक्ष मनोज तिवारी कॉलोनियों को नियमित किए जाने के कार्य में तेजी लाने के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की. दोनों ही नेता एक ही दिन में अनाधिकृत कॉलोनियों के मसले पर अलग-अलग गतिविधि से जिस तरह सामने आए हैं, राजनीतिक गलियारे में चर्चा तेज हो गई है कि बीजेपी इस मुद्दे पर दिल्ली में दो फाड़ हो गई है.