नई दिल्ली:पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के केस में प्रिया रमानी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया. प्रिया रमानी ने कहा कि मैंने ट्वीट कर एमजे अकबर के खिलाफ जो आरोप लगाए वो बिल्कुल सही हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 7 सितंबर को होगी.
रमानी ने कहा कि हमारे आलेख और ट्वीट एमजे अकबर को लेकर ही थे. हमने सब कुछ सच कहा है. उसमें कोई दुर्भावना नहीं है. हम ये नहीं कह सकते हैं कि मेरे ट्वीट से अकबर को अपने दोस्तों और परिजनों के बीच खड़े होने में कोई परेशानी है.
'मेरे आरोप सही हैं'
प्रिया रमानी ने अपने बयानों में ये भी कहा कि मेरे आरोप सही हैं, अकबर की शिकायत गलत और आधारहीन है. मैंने अपने अनुभवों के आधार पर लिखा था. आलेख में दूसरी महिलाओं के अनुभवों का भी जिक्र किया गया है. हमारे ट्वीट को अंतर्राष्ट्रीय अखबार और वेबसाइटस ने आधार नहीं बनाया.
'अकबर ट्वीट और आलेख को निशाना बना रहे हैं'
अकबर केवल हमारे ट्वीट और आलेख को ही निशाना बना रहे हैं. वो आलेख कई महिलाओं के अनुभवों के आधार लिखा गया था. रमानी ने कहा कि मेरे ट्वीट से अकबर की छवि को कोई नुकसान नहीं हुआ. हमने सच बोला और जानबूझकर अकबर की छवि को बदनाम नहीं किया. रमानी ने कहा कि सुनील गुजराल, जोयिता बासु, वीनू संदल, हबीब रहमान और तपन चाकी सभी अकबर के भरोसेमंद हैं. उन्होंने जानबूझकर गवाही दी है. हमारा आलेख अकबर की छवि के बारे में नहीं था बल्कि अकबर के संपादक रहते हुए उनके व्यवहार को लेकर था.
रमानी ने कहा कि मैं सुनील गुजराल, जोयिता बासु, वीनू संदल, हबीब रहमान और तपन चाकी के प्रोफेशनल करियर के बारे में नहीं जानती. मेरे ट्वीट में कोई स्कैंडल नहीं था. ये गलत है कि अकबर पूर्ण प्रोफेशनल थे जिसकी वजह से जोयिता बासु उनका आदर करती थीं. ये उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है. रमानी ने कहा कि अकबर ने हमारे खिलाफ झूठा केस बनाया है.
'यौन शोषण के आरोपों पर बोलना दुर्भाग्यपूर्ण'
अकबर ने अपने खिलाफ दूसरे गंभीर आरोपों से ध्यान भटकाने के लिए मुझे टारगेट किया. रमानी ने कहा कि ये कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को अपने आरोपों को साबित करने के लिए कोर्ट में आकर बोलना पड़ता है.
पिछले 2 अगस्त को दो गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. 2 अगस्त को जोयिता बसु और मंजूर अली ने अपने बयान दर्ज कराए थे. पिछले 17 जुलाई को तपन चाकी और सुनील गुजराल ने अपने बयान दर्ज कराए थे. पिछले 15 जुलाई को इस मामले में एक गवाह वीनू संदल के बयान दर्ज हुए थे. वीनू संदल का प्रिया रमानी की ओर से क्रास-एग्जामिनेशन भी किया गया.
10 अप्रैल को प्रिया रमानी के खिलाफ तय हुए आरोप
पिछले 10 अप्रैल को कोर्ट ने अभियुक्त प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे. सुनवाई के दौरान प्रिया रमानी ने सभी आरोपों से इनकार किया. पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर की दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी.
दस हजार रुपये के निजी मुचलके मिली थी जमानत
पिछले 29 जनवरी को कोर्ट ने प्रिया रमानी को समन जारी किया था. इस मामले में सात लोगों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. जिन लोगों के बयान दर्ज हुए उनमें तपन चाकी, मंजर अली , रचना गोयल, वीनू संदल, सुनील गुजराल शामिल थे.
एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है.