नई दिल्ली:जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) का शुक्रवार को छठा दीक्षांत समारोह मनाया गया. इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि, शिक्षा का एक प्रमुख उद्देश्य चरित्र निर्माण भी होता है. तत्कालिक बहावों में आकर चरित्र निर्माण के अमूल्य अवसरों को कभी भी गंवाना नहीं चाहिए. जेएनयू जैसे संस्थान मानवता के लिए कार्य करेंगे ऐसा मुझे विश्वास है.
उन्होंने कहा कि आज पीएचडी की डिग्री पाने वाले सभी छात्रों को मैं बधाई देती हूं. आज 948 छात्रों ने पीएचडी की उपाधि हासिल की है. मुझे बताया गया है कि यह एक प्रकार का राष्ट्रीय कीर्तिमान है. मैं इसके लिए भी जेएनयू परिवार को बहुत-बहुत बधाई देती हूं. मुझे बताया गया है कि जेएनयू को बेस्ट यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल हुआ है. यह भी बताया गया है कि जेएनयू साल 2017 से लगातार दूसरा स्थान हासिल कर रहा है. हम आशा करते हैं कि आने वाले समय में जेएनयू पहला स्थान हासिल करेगा. आज खुशी की बात है कि जेएनयू में 948 पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों में पुरुषों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा है. यह सामाजिक बदलाव का मुख्य उदाहरण है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए जेएनयू में उच्च व्यवस्था है. मुझे बताया गया कि यहां महिलाएं निडर होकर रात में भी पुस्तकालय और अन्य संस्थान में जा सकती हैं.
वहीं दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, जेएनयू एक रिसर्च यूनिवर्सिटी है. उन्होंने कहा की जब मैं छात्र था तो अपने मित्रों से मिलने के लिए एक बार जेएनयू आ ही जाता था. उन्होंने कहा की जेएनयू जैसा विश्वविद्यालय देश में क्या विदेश में भी नहीं है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में चाहे कोई भी छात्र किसी भी पृष्टभूमि से आए हमें उसका आदर करना होगा. यह जिम्मेदारी जेएनयू के प्रोफेसर और सीनियर छात्रों की है. उन्होंने 948 पीएचडी डिग्री पाने वाले छात्रों से अपील की है की वह राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को सिद्ध करें.