नई दिल्ली/नोएडा : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैज्ञानिकों, नगर नियोजकों और नवोन्मेषकों से ऐसी तकनीक विकसित करने का प्रयास करने की अपील की है जो जल संसाधनों के संरक्षण में मदद करे. उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि जल संरक्षण में प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. ‘इंडिया वाटर वीक’ के 7वें संस्करण में अपने संबोधन के दौरान मुर्मू ने कहा कि स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना एक बड़ी चुनौती है, जिसके लिए समाज के सभी वर्गों के सहयोग की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी की मांगों को पूरा करने के लिए प्रभावी ढंग से जल संरक्षण की आवश्यकता होगी और इसमें प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. अत: वैज्ञानिकों, नगर नियोजकों और नवोन्मेषकों से मेरी अपील है कि वे जल संसाधनों के संरक्षण की तकनीक विकसित करने का प्रयास करें. साथ ही उन्होंने आम लोगों, किसानों, उद्योगपतियों और विशेषकर बच्चों से जल संरक्षण को अपने व्यवहार का हिस्सा बनाने की भी अपील की. तभी, हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को बेहतर व सुरक्षित कल दे पाएंगे.
जल सुरक्षा पर वर्तमान स्थिति को चिंताजनक बताते हुए मुर्मू ने कहा कि बढ़ती आबादी के कारण, हमारी नदियों और जलाशयों की स्थिति खराब हो रही है और गांव के तालाब सूख रहे हैं और कई स्थानीय नदियां विलुप्त हो गई हैं. उन्होंने कहा कि कृषि और उद्योगों में पानी का अत्यधिक दोहन किया जा रहा है. पृथ्वी पर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है, मौसम का मिजाज बदल रहा है और बेमौसम अत्यधिक वर्षा आम हो गई है. ऐसे हालात में जल प्रबंधन पर चर्चा करना बहुत ही सराहनीय कदम है.