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..जब मनीष सिसोदिया के कहने पर शिक्षक बन गए थे प्रणब मुखर्जी

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आग्रह पर शिक्षक की भूमिका निभाते हुए पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में पढ़ाया था.

pranab mukherjee in delhi government school
प्रणब मुखर्जी

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Published : Aug 31, 2020, 8:42 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 8:48 PM IST

नई दिल्लीःपूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नहीं रहे. वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका दिल्ली के आरआर हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूल में वर्ष 2015 में शिक्षक दिवस के मौके पर उन्होंने शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाया था. उन्होंने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आग्रह पर शिक्षक की भूमिका निभाते हुए छात्रों को राष्ट्रपति एस्टेट में स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद सर्वोदय विद्यालय में पढ़ाया था.

शिक्षक बन गए थे प्रणब मुखर्जी

इस दौरान उन्होंने छात्रों से रू-ब-रू होते हुए अपने जीवन के अनुभव के साथ-साथ बच्चों को राजनीतिक इतिहास का पाठ भी पढ़ाया था. इस दौरान उन्होंने शिक्षकों को नसीहत भी दी थी कि यदि वह बच्चों के साथ मेहनत करेंगे तो बच्चे भविष्य में आगे बढ़ेंगे.

स्कूल में पढ़ाया था राजनीतिक इतिहास

बता दें कि शिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षक बन बच्चों को पढ़ाने के दौरान पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बच्चों से कहा था कि वह मुखर्जी सर हैं ना कि राष्ट्रपति या राजनेता के तौर पर मौजूद हैं. इसके अलावा छात्रों से मुखर्जी सर कहकर संबोधित करने के लिए कहा था. बतौर शिक्षक पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने छात्रों को देश के आजादी और राजनीतिक इतिहास के बारे में बताया था.

बच्चों से जीवन के अनुभव किए थे साझा

बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जब बच्चों को शिक्षक बन शिक्षक दिवस पर पढ़ा रहे थे, तो इस दौरान उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को बच्चों से बांटते हुए कहा कि उनकी मां उनकी पहली शिक्षक थी. उन्होंने कहा कि मां हमेशा कहती थी मेहनत करो इससे ही लक्ष्य पाया जा सकता है. इसके अलावा उन्होंने बच्चों से कहा कि उन्हें पढ़ने के लिए कई किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ता था. रास्ता कठिन था और बारिश के दिनों में काफी परेशानी होती थी. साथ ही उन्होंने इस दौरान बच्चों से अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि लोकतंत्र गरीब को आगे बढ़ने का मौका देता है. इसी का प्रमाण है कि एक गरीब गांव का व्यक्ति रायसिना हिल्स तक पहुंच गया. वहीं पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बच्चों को अंत में कहा कि वह राजनीतिक जीवन में आने से पहले एक शिक्षक थे और फिर 45 साल बाद शिक्षक बने हैं.

Last Updated : Aug 31, 2020, 8:48 PM IST

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