नई दिल्ली:दीपावली के बाद दिल्ली में प्रदूषण इमरजेंसी के स्तर पर पहुंच गया है. दिल्ली सरकार के तमाम दावों के बावजूद रात में खूब पटाखे चलाये गए. इसका असर देर रात से ही हवा में दिख रहा है. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पीएम-2.5 का स्तर 600 के करीब दर्ज किया गया है. इस स्तर से सरकारी कोशिशों और प्रदूषण के विरुद्ध शुरू किए गए अभियान पर भी सवाल उठ रहे हैं.
दिल्ली के लोधी रोड में एयर क्वालिटी इंडेक्स 583, पूसा में 627, एयरपोर्ट टर्मिनल-3 में 602, मथुरा रोड में 680, आया नगर में 572, आईआईटी दिल्ली में 640, दिल्ली यूनिवर्सिटी में एयर क्वालिटी pm10 का स्तर 689 और एनसीआर में भी यह बेहद ही गंभीर श्रेणी में दर्द हुआ है. गुरुग्राम में एयर क्वालिटी इंडेक्स पीएम 2.5 का स्तर 625, नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स pm10 का स्तर 872 दर्ज हुआ है. वायु प्रदूषण को लेकर दिल्ली और एनसीआर में इस समय आपातकालीन स्थिति बनी हुई है.
वहीं सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के आंकड़ों को देखें तो सुबह आठ बजे यहां अशोक विहार इलाक़े में एयर क्वालिटी इंडेक्स 459 है, द्वारका सेक्टर आठ में 469, सेंट्रल दिल्ली के मंदिर मार्ग पर 460, नरेला में 481, रोहिणी में 436 और वजीरपुर इलाक़े में 471 तक पहुंच रहा है. यूं तो दिल्ली में पटाखे बैन थे लेकिन इलाक़ों से पटाखों की आवाज़ें और प्रदूषण का गम्भीर स्तर उस दिशा में लोगों के सहयोग और एजेंसियों के प्लान पर सवाल उठा रहा है.
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सफ़र के अनुमानों की माने तो आज यानी पांच नवंबर को पराली जलाने की घटनाओं में इज़ाफ़ा हो सकता है जिसके चलते प्रदूषण का स्तर थोड़ा और बढ़ेगा. अनुमान है कि प्रदूषण के बढ़ते स्तर से अब राहत सात नवंबर के बाद ही मिल पाएगी. तब तक लोगों को स्वास्थ्य सम्बंधी बचाव के लिए घरों में रहने की सलाह दी गई है.