नई दिल्ली:दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की 71वीं बोर्ड बैठक आयोजित की गई. समिति के सदस्यों ने आरोप लगाया कि हर तीन माह में बोर्ड बैठक होनी चाहिए, लेकिन 10 माह में बोर्ड की बैठक हुई है. इस बैठक में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई. जबकि प्रदूषण दिल्ली के लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) व डीपीसीसी बोर्ड के सदस्य अनिल गुप्ता ने कहा कि 10 माह बाद डीपीसीसी की बोर्ड बैठक हुई. हैरानी की बात यह है कि आज की बैठक का कोई नया एजेंडा नहीं था. दिल्ली के वायु या जल प्रदूषण पर कोई चर्चा नहीं हुई. यमुना नदी में जल प्रदूषण, निर्माण एवं ध्वस्तीकरण अपशिष्ट, खतरनाक अपशिष्ट या दिल्ली में वायु गुणवत्ता पर कोई चर्चा नहीं हुई. 10 जनवरी 2023 की बोर्ड बैठक की कार्रवाई रिपोर्ट के अनुमोदन के लिए बैठक की गई थी.