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दिल्ली में और मैली हो गई यमुना, आठ सालों में प्रदूषण स्तर दोगुना - poluution level of yamuna in delhi

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के अनुसार पिछले आठ वर्षों में दिल्ली में यमुना का प्रदूषण स्तर दोगुना हो गया है. जहां 2014 में यमुना का बीओडी 32 मिलीग्राम प्रति लीटर था, वहीं यह अब बढ़कर 2023 में 56 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है.

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Published : Jan 16, 2023, 7:32 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी में यमुना का प्रदूषण स्तर लगातार बढ़ रहा है. इसी को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें जिक्र किया गया है कि यमुना नदी में प्रदूषण का भार पिछले आठ वर्षों में दोगुना हो गया है.

इसकी को लेकर डीपीसीसी और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने शनिवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना को नदी में प्रदूषण पर एक प्रस्तुति दी. यमुना की सफाई के लिए नौ जनवरी को राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गठित उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक से पहले उपराज्यपाल ने जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए बैठक बुलाई थी. हरित न्यायाधिकरण ने दिल्ली एलजी से समिति का नेतृत्व करने का अनुरोध किया था.

आठ सालों में दोगुना हुआ बीओडी लेवल

डीपीसीसी के आंकड़ों से पता चलता है कि जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) का स्तर 2014 से पल्ला (2 मिलीग्राम प्रति लीटर) पर अनुमेय सीमा के भीतर बना हुआ है, जहां नदी दिल्ली में प्रवेश करती है. वहीं ओखला बैराज में, जहां नदी दिल्ली छोड़ती है और उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है, वहां बीओडी का स्तर 2014 में 32 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 2023 में 56 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया है.

डीपीसीसी हर महीने पल्ला, वजीराबाद, आईएसबीटी पुल, आईटीओ पुल, निजामुद्दीन पुल, आगरा नहर, ओखला बैराज, ओखला बैराज और असगरपुर में नदी के पानी के नमूने एकत्र करता है और इसकी जांच की जाती है. जांच में पाया गया कि केजरीवाल सरकार के पिछले आठ वर्षों में नदी में प्रदूषण का भार दोगुना हो गया है. बता दें, बीओडी, पानी की गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है. बीओडी का स्तर 3 मिलीग्राम प्रति लीटर (mg/l) से कम अच्छा माना जाता है.

नजफगढ़ नाले की वजह से बढ़ रहा यमुना में प्रदुषण

सूत्रों के अनुसार, "प्रदूषण में यह घातक वृद्धि मुख्य रूप से सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के लगातार निर्देशों और निगरानी के बावजूद नजफगढ़ नाले से प्रदूषण की जांच करने में पूरी तरह से विफल रहने के कारण है."

आईएसबीटी में बीओडी का स्तर, नजफगढ़ नाले के यमुना में गिरने के ठीक बाद, 2014 में 26 मिलीग्राम प्रति लीटर से बढ़कर 2017 में 52 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया और आज भी 38 मिलीग्राम प्रति लीटर के उच्च स्तर पर बना हुआ है. नजफगढ़ नाले का यमुना में छोड़े जाने वाले गंदे पानी का 68.71 प्रतिशत हिस्सा है. इसके बाद शाहदरा ड्रेन दूसरा सबसे बड़ा प्रदूषक है. इसका कुल 10.90 प्रतिशतपानी यमुना में बहाया जाता है.

(पीटीआई)

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