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Delhi NCR में फिर बढ़ा प्रदूषण, ‘बेहद खराब’ हो सकती है हवा, यहां चेक करें AQI - हो सकती है

देश की राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( Delhi NCR) में फिर प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में पहुंच गया है. यदि स्थिति यही रही तो हवा ‘बेहद खराब’ हो सकती है. कुछ दिनों पहले प्रदूषण स्तर में कमी आई थी लेकिन ये फिर बढ़ गया है. यहां चेक करें AQI

Delhi NCR में फिर बढ़ा प्रदूषण, ‘बेहद खराब’ हो सकती है हवा, यहां चेक करें AQI
Delhi NCR में फिर बढ़ा प्रदूषण, ‘बेहद खराब’ हो सकती है हवा, यहां चेक करें AQI

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Published : Nov 18, 2022, 11:17 AM IST

नई दिल्ली/ गाजियाबाद : एनसीआर (Delhi pollution level rises) के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी (200-300 AQI) में दर्ज किया गया है. कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में भी दर्ज किया गया है. आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण में और बढ़ोतरी होती है तो लोगों को स्वास्थ संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. फिलहाल दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी और बेहद खराब श्रेणी में बरकरार है.

दिल्ली एनसीआर के हालात खराब :दिल्ली एनसीआर के हालात मौजूदा समय में खराब नजर आ रहे हैं. दिल्ली के अलीपुर, सिरी फोर्ट, आरके पुरम, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार, जहांगीरपुरी, रोहिणी, विवेक विहार, अशोक विहार, नरेला, ओखला फेस 2, वजीरपुर, ब्वाना और मुंडका इलाके का प्रदूषण स्तर ख़राब श्रेणी में बना हुआ है. जबकि शादीपुर, एनएसआईटी द्वारका, पंजाबी बाग और नेहरू नगर का एक्यूआई रेड जोन में दर्ज किया गया है. अपने क्षेत्र का AQI यहां चेक करें :-

दिल्ली
अलीपुर: 293
शादीपुर 330
आरके पुरम 279
सिरी फोर्ट 266
आईटीओ, 291
पूसा, 266
नेहरू नगर, 302
अशोक विहार, 311

गाजियाबाद
लोनी, 210
इंदिरापुरम, 205

नोएडा
सेक्टर 116, 204

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Air quality Index की श्रेणी:- एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.


(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी :- वरिष्ठ सर्जन डॉ बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुँच जाते हैं.

Sinusitis और Bronchitis का खतरा:- डॉ त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में खट्टा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है. जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.

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