नई दिल्ली:कांग्रेस के सहयोग से पहली बार दिल्ली की सत्ता पर 2013 में काबिज हुई आम आदमी पार्टी राहुल गांधी के मसले पर दोबारा उसके करीब हो गई है. इससे दिल्ली की सियासत में अटकलों का बाजार गरम है. बीजेपी के खिलाफ क्या दिल्ली में दोनों पार्टियों के बीच चुनावी समझौता हो सकता है, इसको लेकर चर्चाएं शुरू हैं. हालांकि, कांग्रेस नेता फिलहाल इन संभावनाओं को लेकर कह रहे हैं कि अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी. वहीं, AAP ने इस पर चुप्पी साधे ली है.
इससे इतर दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना कहते हैं कि दिल्ली की जनता ने 2013 में ही कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठजोड़ की सरकार को देख लिया था, अब केजरीवाल सरकार के करतूतों से लोग वाकिफ हो गए हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी भी चाहती है कि वह कांग्रेस के साथ मिलकर ही दिल्ली में आगे बढ़े.
राहुल के मुद्दे पर पूरा विपक्ष एकजुट हैः दिल्ली के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के समर्थन में केंद्र सरकार पर आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के करारे हमले को अलग तरह से देखते हैं. उनका कहना है कि इस मामले में सिर्फ आम आदमी पार्टी ही नहीं, बल्कि अन्य पार्टियां भी कांग्रेस के साथ एकजुट है. जय किशन का कहना है कि जिस तरह से राहुल गांधी की सदस्यता रद्द की गई है उसे पूरा विपक्ष गैर लोकतांत्रिक मानता है. यही वजह है कि आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षी दल एकजुट हैं. मौजूदा हालात से उत्पन्न समर्थन है, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा है.
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अडानी मामले पर भी दोनों साथः संसद के बजट सत्र में जब से अडानी के मसले पर जेपीसी जांच की मांग कांग्रेस के नेता कर रहे हैं, आम आदमी पार्टी के सांसदों का उन्हें पूरा समर्थन मिल रहा है. यहां तक की संसद परिसर में होने वाले धरना प्रदर्शन में भी कांग्रेस अध्यक्ष के साथ सबसे करीब AAP के सांसद संजय सिंह विरोध प्रदर्शन करते दिखाई दिए. सोमवार को राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने के विरोध में जब कांग्रेसी सांसद काला ड्रेस पहनकर संसद पहुंचे तो उनके साथ AAP के सांसद संजय सिंह, राघव चड्ढा व अन्य भी काला कुर्ता पहनकर आए.
दिल्ली कांग्रेस ने साथ से किया इनकारः कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच नजदीकियों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व स्तर पर मौन समर्थन जरूर है, लेकिन दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल चौधरी दोबारा साथ की संभावनाओं को अटकल ही बता रहे हैं. पिछले दिनों जब शराब घोटाले के मुद्दे पर मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई तो प्रदेश कांग्रेस ने खुलकर इसे सही ठहराया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष इस घोटाले की जांच और सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर कई बार कह चुके हैं कि यह कार्रवाई कांग्रेस की शिकायत के बाद हुई है. हालांकि, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में पार्टी की क्या रणनीति होगी, पूछने पर कांग्रेस नेता ने कहा कि अभी सबके सामने बीजेपी है. उनके खिलाफ लड़ना है. अभी लोकसभा चुनाव के बारे में सोचना ज्यादा जल्दबाजी हो सकती है.
49 दिन में गिर गई थी सरकारः बता दें, दिसंबर 2013 में जब पहली बार आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ी थी, तब आम आदमी पार्टी को कुल 28 सीटें आई थी. कांग्रेस को 8 और बीजेपी को 32 सीटें मिली थी. बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया और तब उत्पन्न हुई परिस्थिति में आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाई और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बने थे. हालांकि, यह सरकार 49 दिन बाद ही गिर गई थी.
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