नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने सभी राजनीतिक दलों तथा राजनेताओं से ''एक देश-एक चुनाव'' का समर्थन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि वे दल की भावना से ऊपर उठकर देशहित में इसका समर्थन करें. इंद्रेश कुमार नई दिल्ली के एवान-ए-गालिब सभागार में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा आयोजित भाई-बहन मिलन व चंद्रयान सफलता उत्सव अवसर को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पहले भी देश में एक साथ चुनाव होते थे. यह कोई नई बात या बहस नहीं है. जरूरी है कि राजनेता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर देशहित में आगे बढ़ें और इस पहल को साकार करें.
चुनाव में खर्च होते हैं हजारों करोड़ रुपये
उन्होेंने कहा कि इससे देश में चुनाव के नाम पर प्रति वर्ष खर्च होते हजारों करोड़ रुपये के साथ ही धर्म, भाषा, क्षेत्र, जाति समेत अन्य विवादों से मुक्ति मिलेगी. देश पांच साल तक विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेगा. वन नेशन-वन इलेक्शन अब देश की जरूरत बन गई है. चुनाव कराने की वित्तीय लागत लगातार बढ़ रही है. चुनाव से प्रशासनिक स्थिरता प्रभावित होती है.
चुनावी प्रक्रिया में व्यवस्था पर दृश्य और अदृश्य लागत का बोझ जनता पर ही पड़ता है. राजनीतिक दलों के लिए भी लगातार हो रहे चुनाव के अभियान और उनकी लागत भारी पड़ती है. उन्होंने कहा कि ऐसे फैसले एक स्थिर और मजबूत सरकार और लीडरशिप द्वारा ही लिए जा सकते हैं, अतः देश में शायद इसीलिए यह भरोसा मजबूत हुआ है कि ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ चुनाव सुधार की जरूरी व्यवस्थाएं लागू होने का शायद वक्त आ गया है।
राष्ट्रहित में हों एकजुट हों सभी पार्टियां
संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया के कारण सरकारों को नीतिगत रूप से कार्य करने में मुश्किलें आती हैं. आदर्श आचरण संहिता से सरकारों का कामकाज प्रभावित होता है. पंचायत से पार्लियामेंट तक के चुनाव में यही प्रक्रिया लागू होती है. अलग-अलग वोटर लिस्ट की धारणा भी खत्म होना चाहिए. एक ही मतदाता सूची को चुनावों के लिए अपडेट करते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि विचारधाराओं में टकराव के कारण देश में ऐसी दुर्भाग्यजनक राजनीतिक स्थिति बनी है कि देशहित के विषयों पर भी राजनीतिक पक्ष-विपक्ष की धाराएं काम करने लगती हैं. यह भी ध्यान नहीं रखा जाता कि इससे राष्ट्र को कितना फायदा या कितना नुकसान है ?